
"अल्मोड़ा पुलिस और एसओजी टीम द्वारा पौने पांच लाख की स्मैक के साथ गिरफ्तार किए गए दो तस्कर"
अल्मोड़ा जिले में पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने नशा तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पौने पांच लाख रुपये मूल्य की स्मैक बरामद की गई है। यह सफलता नशे और मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान की गंभीरता को दर्शाती है। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी स्मैक को रुद्रपुर से लाकर ऊंचे दामों में बेचने की योजना बना रहे थे, लेकिन सख्त चेकिंग अभियान के चलते वे पकड़े गए।
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई कोतवाली रानीखेत पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा की गई। टीम ने घटघटेश्वरी मंदिर द्वार, पिलखोली (फल्दाकोट) के पास चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान एक दोपहिया वाहन संख्या यूके 02-बी-3495 को रोका गया। जब बाइक की तलाशी ली गई तो उस पर सवार दो युवकों के पास से 15.9 ग्राम स्मैक बरामद हुई। पुलिस ने बताया कि बरामद स्मैक की कीमत लगभग चार लाख 77 हजार रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अनिल कुमार (21 वर्ष), पुत्र जगदीश राम और करन कुमार (25 वर्ष), पुत्र रंजीत प्रसाद, निवासी घटवगढ़ वार्ड, बागेश्वर के रूप में हुई है। पुलिस ने तस्करी में प्रयुक्त बाइक को सीज कर लिया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे रुद्रपुर के अटरिया मोड़ से स्मैक लेकर आए थे और इसे ऊंचे दामों पर बेचने की योजना बना रहे थे। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी अनिल कुमार के खिलाफ पहले से ही कोतवाली बागेश्वर में एनडीपीएस एक्ट का एक मुकदमा दर्ज है, जो उसके आपराधिक इतिहास और नशे के धंधे में संलिप्तता को दर्शाता है।
इस कार्रवाई में पुलिस टीम के एएसआई कैलाश चन्द्र, हेड कांस्टेबल भुवनेश्वर कुमार तथा एसओजी टीम के राजेश भट्ट, राकेश भट्ट और हरीश प्रसाद शामिल रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशे के खिलाफ यह अभियान आगे भी और सख्ती से चलाया जाएगा ताकि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाया जा सके।
नशीले पदार्थों की तस्करी आज समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुकी है। स्मैक, चरस, हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों के जरिए नशा तस्कर युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। यह न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनके भविष्य को भी बर्बाद कर देता है। पुलिस और एसओजी की इस संयुक्त कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले और नशे के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस लगातार अपील कर रही है कि यदि किसी को अपने आस-पास नशे से जुड़ी कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है तो वे तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। समाज और प्रशासन की संयुक्त भागीदारी से ही इस बुराई पर काबू पाया जा सकता है।
बरामद की गई पौने पांच लाख की स्मैक यह दिखाती है कि नशे का कारोबार किस हद तक बढ़ चुका है और तस्कर इसे फैलाने के लिए किस हद तक सक्रिय हैं। लेकिन पुलिस की सतर्कता और लगातार चेकिंग के कारण कई बड़े नेटवर्क टूट रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई आगे भी नशा माफिया के खिलाफ निर्णायक साबित होगी।
यह घटना युवाओं और आम नागरिकों के लिए एक सबक है कि नशे के कारोबार में शामिल होना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह जीवन और परिवार को भी तबाह कर देता है। पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई ने यह भी साबित किया कि अपराध चाहे कितना भी संगठित क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधियों तक पहुंच ही जाते हैं।
अब समय आ गया है कि समाज भी इस मुहिम में सक्रिय सहयोग दे। क्योंकि केवल पुलिस और प्रशासन के भरोसे इस जाल को समाप्त करना संभव नहीं है। जब तक समाज, अभिभावक और युवा खुद नशे को ‘ना’ नहीं कहेंगे, तब तक यह समस्या जड़ से खत्म नहीं हो पाएगी।
नशा तस्करों की गिरफ्तारी और स्मैक की बड़ी खेप की बरामदगी से नशा तस्करी में शामिल अन्य गिरोहों पर भी दबाव बढ़ेगा। पुलिस ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में नशा कारोबार करने वालों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।