
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मालदेवता क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करते हुए
देहरादून जनपद के कई क्षेत्रों में लगातार हो रही अतिवृष्टि ने आमजन के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पिछले कई दिनों से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही तेज बारिश के चलते नदियों और बरसाती नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप सड़कें धंस गई हैं, पुल टूट गए हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है तथा लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्र, खासकर मालदेवता और केसरवाला, इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को इन प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और मौके पर जाकर वहां की वास्तविक परिस्थितियों का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों ने अपनी परेशानियां सीधे उनके सामने रखीं। लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से सड़क मार्ग बाधित है, जिससे आवागमन लगभग ठप हो गया है। पीने के पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है और बिजली की आपूर्ति ठप होने से लोग अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। बच्चों और बुजुर्गों को दवाइयां व स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर नहीं मिल पा रही हैं, जिससे संकट और गहरा गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह उनके साथ खड़ा है और हर प्रभावित परिवार तक हरसंभव सहायता पहुंचाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस कठिन समय में किसी भी नागरिक को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा और सरकार अपने स्तर से हर जरूरी कदम उठाएगी।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों की गति तेज की जाए। उन्होंने कहा कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र खोलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि लोगों का संपर्क बहाल हो सके और जरूरी सामान प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही, उन्होंने बिजली और पेयजल आपूर्ति को तत्काल बहाल करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और उनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से किया जाए ताकि हर जरूरतमंद परिवार तक सहायता समय पर पहुंच सके।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने आमजन के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। सड़कों और पुलों के टूटने से जहां संपर्क व्यवस्था बाधित हुई है, वहीं खेत-खलिहान और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए सरकार उनके लिए विशेष पैकेज तैयार करेगी और उनकी भरपाई के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए और लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जाए और आपदा से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे स्वयं लगातार राज्य आपदा परिचालन केंद्र से जुड़े हुए हैं और जिलाधिकारियों से सीधा संपर्क बनाए हुए हैं। वे लगातार परिस्थितियों की समीक्षा कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य केवल राहत और बचाव कार्य करना ही नहीं बल्कि प्रभावित परिवारों का पुनर्वास भी सुनिश्चित करना है। इसके लिए सरकार दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और पूर्वानुमान प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्थाएँ लागू की जाएंगी।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी और आगे की योजनाओं पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें और किसी भी नागरिक की समस्या की अनदेखी न हो। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन द्वारा जारी की जा रही आधिकारिक सूचनाओं और चेतावनियों का पालन करें।
स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी को राहत की तरह महसूस किया। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री स्वयं आकर समस्याओं को सुन रहे हैं और तत्काल निर्णय ले रहे हैं, इससे यह भरोसा मिला है कि सरकार उनकी परेशानी को गंभीरता से ले रही है। कई लोगों ने बताया कि लगातार बारिश और जलभराव के कारण उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेत बर्बाद हो चुके हैं, पशुओं के चारे की समस्या खड़ी हो गई है और कई घरों में दरारें आ गई हैं। ऐसे में सरकार की मदद उनके लिए जीवनदायिनी साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए कई जगहों पर रुककर लोगों से संवाद भी किया। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि प्रभावित नागरिकों को समय पर दवाइयां और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तथा स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को भी जल्द सामान्य स्थिति में लाया जाए। उन्होंने कहा कि यह समय केवल राहत कार्यों तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयारी करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में आपदा प्रबंधन को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि सरकार जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। इसके लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा से सीख लेकर सरकार आने वाले समय में और बेहतर रणनीतियाँ बनाएगी, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
निरीक्षण समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी प्रभावित नागरिकों को एक बार फिर भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है और जल्द ही स्थिति सामान्य की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक को राहत मिले और किसी को भी संकट के समय अपने आप को अकेला न महसूस करना पड़े। उन्होंने प्रशासन से कहा कि वे लगातार जनता के बीच जाएं, उनकी समस्याएं सुनें और उनका तुरंत समाधान करें।
लगातार बारिश और अतिवृष्टि के कारण भले ही प्रदेश के कई हिस्सों में संकट की स्थिति बनी हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री धामी का यह निरीक्षण और उनके निर्देश यह संकेत देते हैं कि राज्य सरकार पूरी तरह सक्रिय है और जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है। इस समय जरूरत है कि सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ काम करें और जनता भी धैर्य और संयम बनाए रखे। आने वाले दि
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