
नई टिहरी हिंडोलाखाल में पौधरोपण करते ग्रामीण और वन विभाग की टीम
देवप्रयाग ब्लॉक में पर्यावरण बचाने की पहल
नई टिहरी जिले के देवप्रयाग ब्लॉक मुख्यालय हिंडोलाखाल के डांडा मयाली घंड़ियाल धार में रविवार को एक बड़ा पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन विभाग और लक्ष्य सोसाइटी की ओर से इस अभियान में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान 750 से अधिक पौधे रोपे गए। खास बात यह रही कि पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में कुल मिलाकर 5000 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। यह पहल न केवल जंगलों को हरा-भरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि स्थानीय लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैला रही है।
डीएम ने वर्चुअल माध्यम से किया शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ डीएम नितिका खंडेलवाल ने वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि –
“पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी विभागों का दायित्व नहीं है, बल्कि इसमें हर नागरिक की जिम्मेदारी है। पौधरोपण जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही जरूरी है उनकी देखभाल करना।”
उन्होंने सभी ग्रामीणों और प्रतिभागियों से अपील की कि वे पौधों को संरक्षित करने और उन्हें समय-समय पर खाद-पानी देने की जिम्मेदारी निभाएं।
लक्ष्य सोसाइटी की पहल
लक्ष्य सोसाइटी की सचिव मीनाक्षी असवाल ने कार्यक्रम में आए सभी नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि सोसाइटी लगातार पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में पौधरोपण अभियान चला रही है और इसका नतीजा है कि अब यह इलाका फिर से हरा-भरा दिखने लगा है। उनके अनुसार, यदि हर नागरिक अपने स्तर पर सिर्फ एक पौधे को भी संरक्षित करे, तो आने वाले समय में जलवायु संकट से लड़ना आसान हो जाएगा।
ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों की भागीदारी
इस पौधरोपण कार्यक्रम में आसपास के 15 ग्राम प्रधानों और 427 ग्रामीणों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। ग्रामीणों ने पौधों को रोपने के साथ-साथ उनकी नियमित देखभाल का भी वादा किया। ग्रामीणों ने बताया कि इस अभियान से न केवल गांव का प्राकृतिक संतुलन बेहतर होगा, बल्कि भविष्य में भू-क्षरण और जल संकट जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी।
ब्लॉक प्रमुख ने किया आह्वान
नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख विनोद बिष्ट ने कहा कि घंड़ियाल धार प्राकृतिक रूप से बेहद समृद्ध क्षेत्र है। यहां की मिट्टी और मौसम पौधों के लिए बेहद उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि –
“यदि पौधों की सही तरीके से देखभाल की जाए, तो आने वाले कुछ वर्षों में यह क्षेत्र घने जंगलों में तब्दील हो जाएगा। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम होगा बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी बढ़ावा देगा।”
पौधरोपण क्यों है जरूरी?
आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। हिमालयी क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। बादल फटने, बेमौसम बारिश, भूस्खलन और जल संकट जैसी आपदाएं लगातार बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि –
- पौधरोपण से भू-क्षरण पर रोक लगेगी।
- ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा और वायु प्रदूषण कम होगा।
- भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास सुरक्षित होंगे।
सामूहिक प्रयास की मिसाल
हिंडोलाखाल में हुआ यह पौधरोपण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास की मिसाल है। ग्रामीणों, समाजसेवी संस्थाओं और प्रशासन ने मिलकर यह दिखा दिया है कि यदि सब साथ आएं तो पर्यावरण को बचाने की दिशा में बड़ा काम किया जा सकता है।वन विभाग और लक्ष्य सोसाइटी का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र को पूरी तरह ग्रीन ज़ोन घोषित किया जाए। इसके तहत और भी पौधे लगाए जाएंगे और स्कूल-कॉलेज के बच्चों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा।हिंडोलाखाल का यह पौधरोपण अभियान हमें यह संदेश देता है कि प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम हमेशा घातक होता है, लेकिन सामूहिक प्रयासों से संतुलन दोबारा स्थापित किया जा सकता है। यदि समाज और प्रशासन इसी तरह हाथ से हाथ मिलाकर काम करें, तो आने वाले समय में नई टिहरी हरे-भरे और सुरक्षित पर्यावरण का गवाह बनेगी।.
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