
"उत्तराखंड कराटे एकेडमी में बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट में हिस्सा लेते खिलाड़ी"
ऋषिकेश में कराटे बेल्ट टेस्ट का सफल आयोजन
ऋषिकेश में उत्तराखंड कराटे एकेडमी की ओर से आयोजित दो दिवसीय बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट 2024 में खिलाड़ियों ने अपनी कला और मेहनत का शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन में कुल 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें से 96 खिलाड़ी सफल रहे।
यह आयोजन दून मार्ग स्थित उर्वशी कॉम्पलेक्स में हुआ, जहां कराटे की विभिन्न तकनीकों और कौशलों का प्रदर्शन किया गया। खिलाड़ियों को अलग-अलग बेल्ट जैसे – ऑरेंज, ग्रीन, पर्पल, पर्पल-वाइट, ब्राउन और ब्लैक बेल्ट के लिए परखा गया।
ऋषिकेश में रविवार को आयोजित उत्तराखंड कराटे एकेडमी के बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट में जब खिलाड़ियों ने अपना हुनर दिखाया, तो वहां मौजूद दर्शकों और प्रशिक्षकों का उत्साह देखने लायक था। दो दिवसीय इस टेस्ट में कुल 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया और इनमें से 96 खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन के बल पर सफल रहे। यह आयोजन दून मार्ग स्थित उर्वसी कॉम्पलेक्स में हुआ, जहां बड़ी संख्या में खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
इस टेस्ट का उद्देश्य सिर्फ बेल्ट ग्रेडिंग कराना नहीं था, बल्कि खिलाड़ियों में अनुशासन, आत्मविश्वास और शारीरिक क्षमता का विकास करना भी था। प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों की तकनीकी दक्षता की कड़ी परीक्षा ली गई। पंच, किक, सेल्फ डिफेंस, काता और फाइट जैसी कई उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन खिलाड़ियों द्वारा किया गया। अलग-अलग बेल्ट कैटेगरी में खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें ऑरेंज, ग्रीन, पर्पल, पर्पल-वाइट, ब्राउन और ब्लैक बेल्ट शामिल थीं।
उत्तराखंड कराटे एकेडमी के मुख्य कोच राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि यह बेल्ट ग्रेडिंग सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की कठिन मेहनत और निरंतर प्रशिक्षण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कराटे जैसे खेल से बच्चों में अनुशासन और आत्मरक्षा की क्षमता विकसित होती है। इस तरह के आयोजन से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
कोच ने आगे कहा कि भविष्य में इस प्रकार के बेल्ट ग्रेडिंग कैंप ऋषिकेश के हर क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बच्चे कराटे जैसे खेल से जुड़ सकें। उनका मानना है कि खेल सिर्फ शारीरिक ताकत ही नहीं देता, बल्कि मानसिक मजबूती भी प्रदान करता है। यही वजह है कि आज के दौर में खेल को करियर और जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
दो दिवसीय इस आयोजन में खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत साफ झलक रही थी। सुबह से शाम तक चले इस ग्रेडिंग टेस्ट में प्रशिक्षकों ने बच्चों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी। बच्चों ने जिस लगन और मेहनत से अपनी तकनीकें प्रदर्शित कीं, वह इस बात का प्रमाण था कि कराटे उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
इस टेस्ट में शामिल हुए 200 खिलाड़ियों में से 96 बच्चों ने सफलता प्राप्त कर यह साबित किया कि नियमित अभ्यास और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। सफल खिलाड़ियों को बहुत जल्द एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा।
कार्यक्रम के दौरान एकेडमी के प्रशिक्षकों – वरदान वर्मा, सुमित कुमार, चिराग धमीजा, आकाश उनियाल, लक्ष्मण साहनी, कृष्ण जाटव, अर्जुन थापा, श्रेयांश जोशी, अनिकेत अवस्थी, ओशो और भूमिका शर्मा – की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों को बेहतर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण दिया, जिसकी बदौलत बच्चों ने यह सफलता हासिल की।
इस आयोजन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि इसमें बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। अभिभावकों ने बच्चों को प्रोत्साहित किया और उनकी मेहनत को सराहा। यह दिखाता है कि अब समाज में खेलों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और अभिभावक भी बच्चों के खेल-कूद को पढ़ाई के बराबर महत्व दे रहे हैं।
बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट सिर्फ कराटे की परीक्षा नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम भी है। कराटे एक ऐसा खेल है जो बच्चों को आत्मरक्षा की कला सिखाने के साथ-साथ जीवन में अनुशासन और मानसिक संतुलन बनाए रखने की शक्ति देता है। आज जब समाज में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं, तब कराटे जैसे खेलों का महत्व और बढ़ जाता है।
उत्तराखंड कराटे एकेडमी द्वारा इस तरह के आयोजन कराना न केवल खिलाड़ियों के भविष्य को संवारने का प्रयास है, बल्कि समाज में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का भी कदम है। इस आयोजन के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी अधिक बच्चे कराटे जैसे खेलों से जुड़ेंगे और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे।
कोच राजेंद्र गुप्ता ने यह भी बताया कि आने वाले समय में एकेडमी बच्चों के लिए और अधिक उन्नत स्तर के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगी। इसमें खिलाड़ियों को सिर्फ बेल्ट ग्रेडिंग ही नहीं, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार किया जाएगा। उनका मानना है कि उत्तराखंड के बच्चों में अपार प्रतिभा है और सही मार्गदर्शन मिलने पर वे देश का नाम रोशन कर सकते हैं।
96 सफल खिलाड़ियों की यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि मेहनत और अनुशासन के साथ किया गया अभ्यास हमेशा सफलता दिलाता है। यह आयोजन न केवल खेलों के महत्व को उजागर करता है, बल्कि समाज को भी यह संदेश देता है कि खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनिवार्य हैं।
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