
"बागेश्वर के मंडलसेरा क्षेत्र में कुंती नाले के उफान से घरों में घुसा पानी और गुस्साए लोग सड़क पर जाम लगाते हुए।"
रिपोर्टर: जतिन
बागेश्वर
शनिवार की रात बागेश्वर जिले के मंडलसेरा क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद मुश्किल भरी रही। रात 11 बजे से लेकर सुबह 3 बजे तक हुई लगातार मूसलधार बारिश ने इलाके की तस्वीर ही बदल दी। कुंती नाला उफान पर आ गया और उसका पानी सीधे घरों के भीतर घुस गया। लोग पूरी रात घरों को जलभराव से बचाने की कोशिश करते रहे, मगर तेज़ पानी के सामने उनकी मेहनत नाकाम रही। रविवार सुबह हालात और बिगड़े तो गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर अपना आक्रोश जताया।
आफत की बारिश बनी मुसीबत – कुंती नाला उफान पर
स्थानीय निवासियों के अनुसार, शनिवार रात की बारिश बेहद तेज़ थी। चार घंटे की अतिवृष्टि ने नाले को उफान पर ला दिया। आर्मी कैंटीन से लेकर विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल तक के घर पूरी तरह जलमग्न हो गए। कई परिवारों का कीमती सामान पानी में भीगकर खराब हो गया। बच्चों और बुजुर्गों को रातभर सुरक्षित जगह पर ले जाने की कोशिशें की गईं।
लोगों का संघर्ष – पूरी रात लगे रहे पानी रोकने में
मंडलसेरा क्षेत्र के लोगों ने घरों के बाहर थैलियों और लकड़ी के तख्तों से पानी रोकने के प्रयास किए। कुछ लोग पंप और बाल्टियों की मदद से पानी बाहर निकालते रहे। लेकिन नाले के तेज़ बहाव और लगातार हो रही बारिश के चलते सब कुछ बेकार साबित हुआ। कई घरों के कमरे पूरी तरह जलभराव से डूब गए और लोग केवल ऊपरी मंज़िलों में ही रात बिता पाए।
रविवार सुबह भड़का आक्रोश – जाम लगाकर विरोध
रविवार को जब हालात बिगड़ते देखे गए तो लोग प्रशासन के खिलाफ फूट पड़े। नगर पालिकाध्यक्ष मौके पर पहुंचे तो लोगों ने घेराव कर नाराज़गी जताई। गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे एडीएम, एसडीएम और कोतवाल ने लोगों को समझाने की कोशिश की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान जल्द निकाला जाएगा, जिसके बाद ही लोगों ने जाम हटाया।
हर साल बरसात में दोहराता है यही मंजर
मंडलसेरा के निवासियों का कहना है कि कुंती और दुंगगाड़ा नाले की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल बरसात आते ही यही हालात पैदा हो जाते हैं। नालों का पानी घरों में घुस जाता है और लोग भारी नुकसान उठाते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अब तक कई बार शिकायत के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया।
समस्या की जड़ – जल निकासी की व्यवस्था नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि समस्या की असली जड़ निकासी व्यवस्था का अभाव है। नालों की सही ढंग से सफाई और चौड़ीकरण नहीं किया जाता। बरसात से पहले यदि ठोस तैयारी हो, तो इस तरह की आपदा से लोगों को राहत मिल सकती है। प्रशासन की लापरवाही और योजनाओं के अभाव ने मंडलसेरा को हर साल संकट में डाल दिया है।
प्रशासन पर उठे सवाल – क्यों नहीं हो रहा स्थायी हल?
लोगों ने प्रशासन से सवाल किया कि आखिर क्यों हर साल वही परेशानी दोहराई जाती है। यदि सरकार और स्थानीय निकाय चाहें तो इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है। नाले के किनारों पर सुरक्षा दीवार, चौड़ीकरण और पानी की निकासी की योजनाएं लागू की जानी चाहिए। लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, कार्रवाई नहीं।
प्रभावित परिवारों की हालत – सबकुछ पानी में डूबा
बरसात से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को हुआ है। कई घरों में रखा अनाज, बिस्तर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान पानी में डूबकर खराब हो गया। लोग अब प्रशासन से मुआवज़ा और राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। कई परिवारों ने कहा कि वे हर साल ऐसे हालात से तंग आ चुके हैं और अब स्थायी समाधान के बिना चैन नहीं लेंगे।
सरकार और प्रशासन से मांग – राहत और स्थायी व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि वे अब केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे। उनकी मांग है कि –
- प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा और राहत सामग्री दी जाए।
- नाले की सफाई, चौड़ीकरण और निकासी व्यवस्था को प्राथमिकता से किया जाए।
- बरसात से पहले एक मजबूत कार्ययोजना बनाई जाए।
- लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
- मंडलसेरा क्षेत्र में कुंती नाले का यह कहर कोई नया नहीं है। हर साल बारिश आते ही यह समस्या लोगों के लिए आपदा बन जाती है। इस बार भी लोग पूरी रात बेबस होकर पानी से जूझते रहे। अब समय आ गया है कि प्रशासन केवल आश्वासन न देकर ठोस कदम उठाए और लोगों को स्थायी राहत दिलाए।
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