
"मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौंसरी गांव के प्रभावितों से मिलते हुए"
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बागेश्वर जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्र पौंसरी का दौरा किया, जहां उन्होंने आपदा से प्रभावित ग्रामीणों से भेंट कर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस कठिन समय में पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रभावितों की सुरक्षा, पुनर्वास और जीवन को जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लाने पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैसानी में भी आपदा प्रभावित लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेश्वर आशीष भटगांई से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 29 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण पौंसरी क्षेत्र के खाईजर तोक में पांच मकान मलबे में दब गए थे। इस दुर्घटना में वहां रह रहे छह व्यक्तियों में से पांच लोग मलबे में दब गए जबकि एक व्यक्ति को सुरक्षित बचा लिया गया। अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि शेष दो की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, ड्रोन, डॉग स्क्वॉड और विक्टिम लोकेटिंग कैमरे की मदद से खोज अभियान लगातार जारी है। राहत कार्यों के तहत प्रभावित परिवारों को राहत राशि प्रदान की जा चुकी है और आवश्यक सेवाओं को सुचारू रूप से बहाल कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों का पूरी तरह से आकलन कर वहां के पुनर्वास कार्यों को गति दी जाए और प्रभावित परिवारों की हर जरूरत का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा में क्षतिग्रस्त हुए पिटकुल के 132 केवी सब स्टेशन को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने 52 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है ताकि बिजली आपूर्ति को शीघ्र बहाल किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है और सभी जरूरी कदम समयबद्ध तरीके से उठाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि प्रभावित परिवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें अस्थायी रूप से रहने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्य में तेजी लाने के लिए लगातार निगरानी रख रही है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान मुख्यमंत्री के साथ विधायक सुरेश गढ़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष शोभा आर्या, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के, प्रभागीय वनाधिकारी आदित्य रत्ना, मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, उपजिलाधिकारी प्रियंका रानी, अनिल सिंह रावत, ललित मोहन तिवारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में लगे बचाव दलों की भी सराहना की और कहा कि उनकी मेहनत और तत्परता से कई लोगों की जान बचाई जा सकी है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद लगातार बचाव कार्य जारी रखा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आपदा प्रबंधन को और मजबूत किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं में क्षति को कम किया जा सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे आपदा के समय धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के साथ सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल प्रभावितों को तत्काल राहत देना है बल्कि उनके लिए दीर्घकालिक समाधान और पुनर्वास योजनाओं को लागू करना भी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आपदाओं से बचाव और त्वरित राहत के लिए राज्य सरकार लगातार नीतियों और व्यवस्थाओं को मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा आपदा प्रभावितों के लिए राहत और विश्वास का संदेश लेकर आया। उन्होंने प्रभावितों को यह भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं और पीड़ा को सरकार पूरी गंभीरता से देख रही है और कोई भी परिवार अकेला महसूस न करे। सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है और उन्हें सामान्य जीवन की ओर लौटाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे।