
"रुड़की में बिजली खंभे पर लाइनमैन की दर्दनाक मौत"
रुड़की शहर में रविवार सुबह ऐसा हृदयविदारक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। केएलडीएवी इंटर कॉलेज के पास बिजली लाइन दुरुस्त करने के लिए खंभे पर चढ़े एक लाइनमैन की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि मृतक का शव लंबे समय तक खंभे पर ही लटका रहा, जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों के होश उड़ गए। स्थानीय लोग घटना स्थल पर इकट्ठा हो गए और हर किसी के मन में केवल यही सवाल था कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह के समय लाइनमैन बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए खंभे पर चढ़ा था। सामान्यतः ऐसी स्थिति में पहले बिजली आपूर्ति को बंद किया जाता है ताकि कोई खतरा न रहे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। बिजली सप्लाई चालू होने के कारण अचानक करंट ने लाइनमैन को अपनी चपेट में ले लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। लोग जब तक समझ पाते और मदद करने की कोशिश करते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस और ऊर्जा निगम के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद शव को खंभे से नीचे उतारा गया। घटना के तुरंत बाद बिजली सप्लाई बंद कराई गई, लेकिन तब तक लाइनमैन की जिंदगी जा चुकी थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और पूरे मामले की जांच की बात कही गई।
जैसे ही हादसे की खबर फैली, मृतक के घर मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार ने निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना लापरवाही का नतीजा है। यदि समय रहते बिजली आपूर्ति बंद की जाती, तो लाइनमैन की जान बचाई जा सकती थी। परिवार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और उचित मुआवजे की मांग की है। स्थानीय लोगों ने भी ऊर्जा निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि हर बार मरम्मत कार्य से पहले सुरक्षा के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। लाइनमैन को बिना बिजली आपूर्ति बंद किए खंभे पर चढ़ाना नियमों के खिलाफ है। यह सीधी-सीधी लापरवाही है, जिसकी वजह से एक परिवार का सहारा छिन गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। घटना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। साथ ही, यह भी जांचा जाएगा कि क्या वाकई सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं बल्कि पूरे शहर के लिए चेतावनी है। यह घटना बताती है कि यदि समय रहते सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है। ऊर्जा निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी इस बात से सबक लेना होगा कि छोटी सी लापरवाही कितनी बड़ी जानलेवा साबित हो सकती है।

आज के समय में बिजली विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। कई बार लाइनमैन बिना आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के ही काम करते नजर आते हैं। हेलमेट, दस्ताने और सेफ्टी बेल्ट जैसी बुनियादी चीजों की कमी से हादसों का खतरा और बढ़ जाता है। यही वजह है कि हर साल देशभर में सैकड़ों बिजली कर्मचारियों की जान करंट की चपेट में आने से चली जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली विभाग को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। मरम्मत कार्य के दौरान बिजली आपूर्ति बंद करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें। यह घटना इस बात की भी ओर इशारा करती है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली की समीक्षा करनी होगी। केवल जांच और रिपोर्ट तैयार करना काफी नहीं है, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे। दोषियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
रुड़की हादसा समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे सिस्टम में कितनी लापरवाही और लचर व्यवस्था है। एक ओर सरकार बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। यदि इसी तरह कर्मचारियों की जान से खिलवाड़ होता रहा, तो बिजली विभाग पर लोगों का भरोसा टूट जाएगा। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या ऊर्जा निगम इस घटना से सबक लेता है। जनता को उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
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