
रवासन नदी में बहते बिजली के पोल और अंधेरे में डूबे हरिद्वार के गांव"
हरिद्वार जिले में गुरुवार शाम को रवासन नदी का तेज बहाव एक बार फिर बिजली व्यवस्था पर भारी पड़ गया। गैंडी खाता के पास 11 केवी लाइन के दो बिजली पोल बह जाने से नलोवाला, पीली पड़ाव और दुधला दयालवाला गांवों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। करीब 10,000 की आबादी को 20 घंटे तक अंधेरे में रहना पड़ा। इस दौरान न केवल रोशनी ठप रही, बल्कि नलकूप भी बंद हो गए, जिससे पेयजल संकट गहरा गया।
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय निवासियों के अनुसार, गुरुवार को शाम के समय रवासन नदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया। तेज बहाव ने किनारे के पास लगे दो बिजली पोलों को अपनी चपेट में ले लिया।
- स्थान: गैंडी खाता, हरिद्वार
- लाइन वोल्टेज: 11 केवी
- प्रभावित गांव: नलोवाला, पीली पड़ाव, दुधला दयालवाला
- बिजली गुल रहने का समय: 20 घंटे
- प्रभावित जनसंख्या: लगभग 10,000 लोग
ग्रामीणों की परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बरसात के मौसम में रवासन नदी का पानी बिजली के पोल बहा ले जाता है, लेकिन ऊर्जा विभाग की ओर से अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
- बिजली कटौती: 20 घंटे तक पूरी तरह अंधेरा।
- पेयजल संकट: नलकूप बंद होने से पीने के पानी की भारी कमी।
- गर्मी और उमस: पंखे और कूलर बंद रहने से लोगों को बेहाल गर्मी झेलनी पड़ी।
स्थायी समाधान क्यों जरूरी है?
यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। हर साल बारिश में यही स्थिति बनती है, जिससे न केवल बिजली कटती है बल्कि ग्रामीण जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
जरूरी कदम:
- बिजली पोलों को नदी से सुरक्षित दूरी पर शिफ्ट करना।
- मजबूत और ऊँचे पोल लगाना।
- नदी किनारे सुरक्षा बांध का निर्माण।
ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी
स्थानीय लोगों ने ऊर्जा विभाग से अपील की है कि जल्द से जल्द ऐसे स्थायी उपाय किए जाएं जिससे हर बरसात में होने वाली बिजली आपूर्ति बाधा की समस्या खत्म हो सके
- मॉनसून से पहले संवेदनशील इलाकों का निरीक्षण करे।
- बिजली पोलों की मजबूती और स्थिति की जांच करे।
- वैकल्पिक बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करे।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक हर साल यही संकट दोहराया जाएगा।
- नलोवाला गांव के निवासी ने कहा, “हर बरसात में यह समस्या आती है, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता।”
- पीली पड़ाव के लोगों का कहना है कि बिजली और पानी की समस्या से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
रवासन नदी में बिजली के पोल बहना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि हर साल दोहराई जाने वाली समस्या है। अगर अभी समाधान नहीं किया गया तो आने वाले वर्षों में यह संकट और गंभीर हो सकता है।
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