
काकोरी शताब्दी वर्ष पर बीबीएयू में अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन करते अतिथि और कुलपति।
लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के इतिहास विभाग और महुआ डाबर म्यूजियम के संयुक्त तत्वावधान में काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष के अवसर पर 19वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देशभक्ति, कला और संवाद का अद्भुत संगम था।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। मंच पर डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू, इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एम. रवि कुमार, फिल्म निर्देशक प्रो. मोहन दास (मुंबई), मैक्सिकन फिल्म निर्देशक पास्कल बोरेल और काकोरी कांड के क्रांतिकारी सचिंद्र नाथ बख्शी की पौत्री मीता बख्शी मौजूद रहीं।
दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। इसके बाद कुलगीत प्रस्तुत किया गया और अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और पौध भेंट कर किया गया।
कुलपति का संदेश – युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास आवश्यक
कुलपति प्रो. मित्तल ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल देशभक्ति की भावना को प्रबल करते हैं, बल्कि युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व और राष्ट्रीय चेतना का भी विकास करते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आत्मविश्वास, परिश्रम और ईमानदारी को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य – कला और संवाद का मंच
फिल्म निर्देशक प्रो. मोहन दास ने बताया कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल एक ऐसा कला, संस्कृति और संवाद का मंच है, जहां विभिन्न भाषाओं और शैलियों की फिल्मों के माध्यम से सामाजिक और ऐतिहासिक मुद्दों को प्रस्तुत किया जाता है।
क्रांतिकारी विरासत की याद
मीता बख्शी ने अपने दादा सचिंद्र नाथ बख्शी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि काकोरी कांड भारत की आजादी की लड़ाई में एक साहसिक और प्रेरणादायक अध्याय है। उन्होंने युवाओं को इस साहसिक विरासत से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
विदेशी फिल्मकार की सराहना
मैक्सिकन फिल्म निर्देशक पास्कल बोरेल ने भारतीय जनमानस और आयोजन समिति द्वारा मिले स्नेह और सम्मान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने युवाओं को जीवन का उद्देश्य तय करने और राष्ट्र सेवा में योगदान देने की प्रेरणा दी।
प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनी का आयोजन
इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए दो विशेष प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं:
- पेंटिंग प्रतियोगिता – विषय: स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका
- प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता – विषय: काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष
इसके साथ ही काकोरी पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी और देश-विदेश से आई फिल्मों की स्क्रीनिंग भी हुई, जिसमें छात्रों और शोधार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
भव्य उपस्थिति
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकगण, शोधार्थी, विद्यार्थी, महुआ डाबर म्यूजियम के प्रतिनिधि और विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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