
हरिद्वार पुलिस ऑपरेशन कालनेमी के तहत पकड़े गए भेषधारी बाबा
हरिद्वार, 3 अगस्त 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन कालनेमी” अभियान के अंतर्गत हरिद्वार पुलिस ने एक अहम कार्रवाई को अंजाम दिया है। कोतवाली सिडकुल पुलिस ने शुक्रवार की देर रात थाना क्षेत्र के अंतर्गत चेकिंग अभियान के दौरान 5 ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लिया, जो बाबाओं के वेश में तंत्र-मंत्र और जादू-टोना दिखाकर स्थानीय जनता और यात्रियों को बहकाने का कार्य कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग सार्वजनिक स्थलों पर जुटी भीड़ के बीच अंधविश्वास फैलाने वाले जादू-टोना और तंत्र क्रियाओं का प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे उपद्रव और अराजकता फैलने की आशंका थी।
कहाँ से पकड़े गए फर्जी बाबा और कैसे हुई कार्यवाही
पुलिस को सूचना मिली थी कि रावली महदूद क्षेत्र में कुछ भेषधारी लोग भीड़ के बीच अंधविश्वास फैलाकर माहौल बिगाड़ रहे हैं। पुलिस टीम ने तत्काल वहां पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और मौके पर मौजूद पाँच भेषधारी बाबाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। इन पर धारा 172(2) बीएनएसएस के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। सभी आरोपियों को कोतवाली लाकर पूछताछ की जा रही है और नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए बाबाओं के नाम व विवरण
- कमलनाथ पुत्र फिरोजी, निवासी चंडीघाट, थाना श्यामपुर, हरिद्वार – उम्र 27 वर्ष
- आनंद स्वरूप पुत्र अनूप दत्त, निवासी मकान संख्या 121 जोशियान, थाना नहटौर, जिला बिजनौर – उम्र 66 वर्ष
- सतीश पुत्र बाबूनाथ, निवासी घोसीपुरा, थाना पथरी, जिला हरिद्वार – उम्र 26 वर्ष
- मेहंदी पुत्र सूरजपाल, निवासी झंडा चौक सराय, थाना ज्वालापुर, हरिद्वार – उम्र 57 वर्ष
- मनोज पुत्र श्रीपत, निवासी नई बस्ती सराय, थाना ज्वालापुर, हरिद्वार
पुलिस टीम की सतर्क कार्रवाई
कोतवाली सिडकुल प्रभारी निरीक्षक के निर्देशन में त्वरित कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में निम्न सदस्य शामिल रहे:
- हेड कांस्टेबल सुनील सैनी
- कांस्टेबल अनिल कंडारी
- कांस्टेबल सुनील तोमर
- कांस्टेबल रिपेंद्र केन्तुरा
इन अधिकारियों ने त्वरित निर्णय और सक्रियता से काम करते हुए स्थिति को बड़े हादसे में बदलने से पहले नियंत्रित किया।
भीड़ में अंधविश्वास फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह विभिन्न इलाकों में घूम-घूमकर बाबाओं के वेश में तंत्र-मंत्र, हाथ की रेखाएं देखना, मनोकामना पूर्ण करने का दावा जैसे झूठे प्रचार करके भोली-भाली जनता को गुमराह करता था। उनके पास से कुछ जादू-टोना सामग्री, चमत्कारी वस्तुएं और तिलस्मी धागे भी बरामद हुए हैं। पुलिस अब इनके पुराने रिकॉर्ड और नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
सामाजिक चेतना और कानून दोनों जरूरी
यह घटना इस बात का प्रतीक है कि आज भी समाज में अंधविश्वास और ढोंगी प्रवृत्तियों से प्रभावित लोग हैं, जो धार्मिक आस्था का सहारा लेकर आम जनता को भ्रमित करते हैं। प्रशासन की यह पहल स्वागतयोग्य है और समाज को ऐसे फर्जी साधुओं से सावधान रहने की आवश्यकता
यह भी पढ़ें 👉हरिद्वार प्रशासन अलर्ट मोड पर, अलकनंदा में 70 क्यूमेक अतिरिक्त जलप्रवाह