
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धराली के लिए कोटक महिंद्रा बैंक की राहत सामग्री को हरी झंडी दिखाई
देहरादून से धराली के लिए रवाना हुई राहत सामग्री
देहरादून स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से रविवार को एक विशेष राहत काफिला रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा भेजी जा रही आपदा राहत सामग्री को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह राहत सामग्री उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों तक पहुंचेगी, जो हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
CSR के तहत बैंक का योगदान
कोटक महिंद्रा बैंक ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के अंतर्गत यह राहत पहल की है।
- समयावधि: 10 से 12 दिनों के लिए पर्याप्त सामग्री।
- मुख्य खाद्य सामग्री: आटा, चावल, दालें, मसाले, खाद्य तेल।
- दैनिक उपयोग की वस्तुएं: टूथपेस्ट, नहाने का साबुन, कपड़े धोने का साबुन।
- उद्देश्य: प्रभावित लोगों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करना और पुनर्वास प्रक्रिया में सहयोग देना।
मुख्यमंत्री धामी का संदेश
राहत सामग्री को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक का आभार व्यक्त किया और कहा—
“राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस दुख की घड़ी में पूरा उत्तराखंड आपदा प्रभावितों के साथ खड़ा है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार और समाज दोनों की साझी जिम्मेदारी है कि कठिन समय में पीड़ित परिवारों तक हर संभव सहायता पहुंचाई जाए।
राहत अभियान में शामिल प्रमुख लोग
इस मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारी और संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित रहे—
- अपर सचिव: मनमोहन मेंनाली
- सर्किल हेड, कोटक महिंद्रा बैंक: शोभित अग्रवाल
- एरिया हेड: अनुज कपूर
- प्रतिनिधि: रजत जैन
- इंप्लीमेंट पार्टनर: सेवा इंटरनेशनल के पदाधिकारी
धराली में आपदा की स्थिति
धराली, उत्तरकाशी जिले का एक महत्वपूर्ण पर्यटन और कृषि क्षेत्र है, जो हाल ही में आई भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित हुआ है।
- कई घरों और खेतों को नुकसान हुआ।
- स्थानीय निवासियों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- परिवहन और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
ऐसे में यह राहत सामग्री तत्काल राहत और पुनर्वास कार्य में अहम भूमिका निभाएगी।
CSR और आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भूमिका
कोटक महिंद्रा बैंक का यह कदम इस बात का उदाहरण है कि निजी क्षेत्र भी आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
- सीएसआर फंडिंग से जरूरी सामान की आपूर्ति।
- स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल।
- प्रभावित इलाकों में त्वरित राहत पहुंचाना।
सरकार की राहत और पुनर्वास नीति
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने राहत कार्यों को तेजी से और पारदर्शिता के साथ करने का संकल्प लिया है—
- प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय।
- खाद्य सामग्री और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था।
- इंफ्रास्ट्रक्चर बहाली – सड़क, पुल और संचार नेटवर्क की मरम्मत।
- दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाएं।