
साइबर ठगी और सड़क सुरक्षा पर जानकारी देते पुलिसकर्मी।
हरिद्वार पुलिस लगातार “ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025” और “ऑपरेशन लगाम” के तहत जिलेभर में विशेष अभियान चला रही है। इसी क्रम में कोतवाली लक्सर पुलिस ने 17 सितंबर 2025 की शाम को भिक्कमपुर क्षेत्र में चौपाल लगाकर आसपास के ग्रामीणों और युवाओं को एकत्रित किया। इस चौपाल का उद्देश्य समाज को नशे, साइबर क्राइम और यातायात नियमों के उल्लंघन से होने वाले खतरों के बारे में जागरुक करना था।
कार्यक्रम का आयोजन एसएसपी हरिद्वार के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी लक्सर के प्रवेक्षण में किया गया। इसमें पुलिस अधिकारियों ने मौजूद लोगों को सरल भाषा में समझाया कि कैसे आज का युवा वर्ग नशे को फैशन और शान का प्रतीक मान रहा है, जबकि यही नशा धीरे-धीरे उन्हें अपराध और मानसिक असंतुलन की ओर धकेल रहा है।
चौपाल में पुलिस ने स्पष्ट कहा कि आज की युवा पीढ़ी पार्टी और मौज-मस्ती के नाम पर ड्रग्स, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रही है। शुरुआत में इसे शौक समझकर अपनाया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे यही नशा उनकी जिंदगी को बर्बाद कर देता है।
नशे की लत लग जाने पर युवा पढ़ाई और करियर से भटक जाते हैं। वे मानसिक रूप से कमजोर हो जाते हैं और परिवार के साथ झगड़े, चोरी, लूटपाट जैसी घटनाओं में भी शामिल हो जाते हैं। पुलिस ने कहा कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है।कार्यक्रम में मौजूद लोगों को यह भी बताया गया कि वर्तमान समय में साइबर अपराधी बेहद चालाकी से ठगी कर रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी बनकर, तो कभी लोन या इनाम जीतने का झांसा देकर लोगों को फंसाया जाता है।
पुलिस ने सभी को जागरुक किया कि वे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अपने बैंक डिटेल्स साझा न करें और संदिग्ध कॉल्स का जवाब न दें। साइबर ठगी से बचने के लिए समय पर पुलिस हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देना बेहद जरूरी है। लक्सर पुलिस ने चौपाल में लोगों को यह भी समझाया कि सड़क दुर्घटनाएं अक्सर लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग न करना, तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना, मोबाइल पर बात करना और शराब पीकर ड्राइविंग करना हादसों का मुख्य कारण है।
लोगों को यातायात नियमों का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की अपील की गई। पुलिस ने साफ कहा कि ऑपरेशन “कालनामी” और “लगाम” का उद्देश्य सिर्फ नियम तोड़ने वालों को पकड़ना नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाना है। चौपाल में मौजूद अभिभावकों को विशेष रूप से सचेत किया गया कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें। यदि बच्चों में नशे की आदत दिखाई दे तो तुरंत कदम उठाएं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दें। समय रहते ध्यान न देने पर बच्चे नशे की गहरी दलदल में फंस जाते हैं जिससे उन्हें बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है।
हरिद्वार पुलिस द्वारा इस तरह की चौपाल और जागरुकता कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। पुलिस का मानना है कि सिर्फ कानून का पालन करवाने से समाज नहीं बदलता, बल्कि लोगों को जागरुक करना भी उतना ही जरूरी है। “ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025” इसी सोच पर आधारित है। इसका उद्देश्य है कि आने वाले वर्षों में देवभूमि उत्तराखंड पूरी तरह से नशामुक्त हो और यहां का युवा वर्ग अपने करियर और समाज के विकास में योगदान दे।
कोतवाली लक्सर पुलिस द्वारा आयोजित यह चौपाल सिर्फ एक जागरुकता कार्यक्रम नहीं था बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का प्रयास था। नशा, साइबर क्राइम और सड़क दुर्घटनाएं आज के समाज की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। पुलिस और जनता मिलकर ही इनसे लड़ सकते हैं। हरिद्वार पुलिस का यह कदम सराहनीय है और इससे न केवल लोग जागरुक होंगे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह एक प्रेरणा बनेगा।