श्रावण मास में जब संपूर्ण उत्तर भारत भगवान शिव की भक्ति में लीन होता है, तब उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से कांवड़ यात्रा का शुभारंभ एक विशेष सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा के रूप में देखा जाता है। इसी पावन अवसर पर लक्सर कोतवाली पुलिस ने 21 जुलाई 2025 को कांवड़ियों के बीच प्रसाद वितरण कर सामाजिक सौहार्द और श्रद्धा के सामंजस्य का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
कांवड़ यात्रा में पुलिस की सेवा और संवेदनशीलता का परिचय
श्रावण मास का यह दूसरा सोमवार कांवड़ियों के लिए विशेष रहा। जहां एक ओर शिवभक्त गंगाजल लाकर भगवान शंकर का जलाभिषेक करने को अग्रसर थे, वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन केवल कानून व्यवस्था तक सीमित न रहकर सामाजिक पहलू में भी सहभागी बना। लक्सर कोतवाली क्षेत्र के कुआंखेड़ा पुलिस चैक पोस्ट पर ASP राजन सिंह, कोतवाल राजीव रौथाण और वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनोज गैरोला की उपस्थिति में श्रद्धालुओं को केला व फ्रूटी जैसे प्रसाद वितरित किए गए।
यह सेवा केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि एक संवेदनशीलता का उदाहरण थी कि पुलिस न केवल सुरक्षा बल है, बल्कि सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करने वाली संस्था भी है।
एसएसपी के निर्देश पर बनी जनसेवा की योजना
इस प्रसाद वितरण अभियान की योजना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के निर्देशन में तैयार की गई थी, जिसका उद्देश्य था कि तीर्थ यात्रियों को न केवल सुरक्षित माहौल मिले बल्कि सौहार्द, सहयोग और स्वागत का अनुभव भी हो। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक एकजुटता की मिसाल बन गया।
पुलिस सहायता केंद्रों की स्थापना और दिशा-निर्देशकोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने लक्सर पुलिस सहायता केंद्र पर न केवल प्रसाद वितरण किया बल्कि सभी पुलिस कर्मियों को कांवड़ यात्रा के सुरक्षित संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।
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सिवनी और अन्य क्षेत्रों में भी हुई सेवा की पहललक्सर कोतवाली पुलिस ने केवल मुख्य चेक पोस्ट तक ही सीमित न रहकर सिवनी और आसपास के क्षेत्रों में भी कांवड़ियों का स्वागत किया। फल, फूल और जल की व्यवस्था कर पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि यात्रा में कोई असुविधा न हो। यह जनसेवा और धर्म के समन्वय का प्रमाण था।—हरिद्वार में व्यापक सुरक्षा और सहायताकेंद्रों की व्यवस्था
हरिद्वार में 11 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक आयोजित कांवड़ मेले के दौरान पुलिस प्रशासन ने विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था लागू की। जगह-जगह सहायता केंद्र बनाए गए जहां कांवड़ियों को पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा और भोजन सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस व्यवस्था ने यात्रियों के मन में सुरक्षा व विश्वास की भावना को और प्रबल किया।
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पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच संबंधों की नई परिभाषालक्सर कोतवाली पुलिस द्वारा किया गया यह सेवा कार्य जनता और पुलिस के बीच विश्वास की नींव मजबूत करता है। जहां अक्सर पुलिस को केवल कानून लागू करने वाली संस्था के रूप में देखा जाता है, वहीं ऐसे अवसरों पर उनके मानवीय स्वरूप को भी जनता नजदीक से अनुभव करती है।
प्रसाद वितरण जैसे छोटे लेकिन सार्थक कार्य श्रद्धालुओं के मनोबल को बढ़ाते हैं और प्रशासन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को जन्म देते हैं। यह कांवड़ मेले की सफलता का एक अहम पहलू बन चुका है।
सेवा और सुरक्षा का संतुलन है पुलिस की असली पहचानलक्सर कोतवाली पुलिस की इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि सुरक्षा और सेवा दोनों को समान रूप से निभाना आज की पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्रद्धालुओं के उत्साह को बनाए रखते हुए, पुलिस ने जिस शांति और व्यवस्था के साथ इस आयोजन को सफल बनाया, वह प्रशंसनीय है।
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