हरिद्वार के खानपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले लालवाला खालसा (कुड़कावाला) गांव में वन्यजीव संरक्षण कानून का बड़ा उल्लंघन सामने आया है। एक व्यक्ति को मोर और चीतल का अवैध शिकार कर मांस संग्रह करते हुए गिरफ्तार किया गया है। इस गंभीर प्रकृति की घटना ने वन्यजीव सुरक्षा तंत्र की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।गिरफ्तार आरोपी की पहचान खुर्शीद पुत्र शरीफ अहमद के रूप में हुई है।
आरोपी के पास से मोर और चीतल का कटा हुआ मांस बरामद किया गया है, जिसे वह कथित रूप से बेचने की योजना में था। वन विभाग ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया।
वन्यजीव अधिनियम के तहत दर्ज हुआ केस
वन विभाग की टीम ने आरोपी खुर्शीद के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2022 की धारा 2, 9, 39, 50 और 51 के अंतर्गत केस दर्ज किया है। यह धाराएं संरक्षित प्रजातियों के शिकार, व्यापार और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाई गई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को न्यायालय में पेश कर जिला कारागार भेज दिया गया।
वन विभाग की टीम ने दिखाई सक्रियता
यह कार्रवाई प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार के निर्देशन में की गई। इस ऑपरेशन में उप प्रभागीय वनाधिकारी रुड़की, वन क्षेत्राधिकारी खानपुर रेंज मोहन सिंह रावत, वन दरोगा दुष्यंत सैनी, वन आरक्षी दुष्यंत कुमार और नूर आलम की भूमिका अहम रही। टीम ने गांव में दबिश देकर इस अवैध गतिविधि को रोका और आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
शिकार में शामिल अन्य आरोपी अभी फरारवन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने बताया कि इस प्रकरण की जांच अभी जारी है और अवैध शिकार में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश के लिए गहन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग हर स्तर पर कड़ी निगरानी रख रहा है और दोषियों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।
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हरिद्वार में वन्यजीव शिकार की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषयहाल के वर्षों में हरिद्वार जिले के जंगलों में अवैध शिकार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है। मोर, जो भारत का राष्ट्रीय पक्षी है, और चीतल, जो संरक्षित प्रजातियों में आता है, इनका शिकार भारतीय कानूनों के तहत सख्त अपराध है। ऐसी घटनाएं न केवल प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ती हैं बल्कि पर्यावरणीय आपदाओं की संभावना को भी बढ़ाती हैं।-
कानून क्या कहता है – वन्यजीव अधिनियम की धाराएंधारा 2: वन्यजीवों की परिभाषा और संरक्षण से संबंधित है।धारा 9: संरक्षित प्रजातियों का शिकार प्रतिबंधित करती है।धारा 39: किसी भी संरक्षित वन्यजीव का अवैध कब्जा और व्यापार अपराध है।धारा 50 और 51: तलाशी, जब्ती और सजा से संबंधित प्रावधान करती है। इन धाराओं के तहत आरोपी को 3 से 7 वर्ष तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
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क्या करें यदि आपके आस-पास अवैध शिकार हो रहा होयदि आप अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की वन्यजीव से संबंधित अवैध गतिविधि देखते हैं तो तुरंत नजदीकी वन विभाग या पुलिस को सूचना दें। यह न केवल कानूनी कर्तव्य है बल्कि प्रकृति की रक्षा में भी आपकी अहम भूमिका है।
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