
हरिद्वार लक्सर रोड पर सड़क पर निकलते हाथियों का झुंड, दहशत में स्थानीय लोग
हरिद्वार के लक्सर रोड पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब हाथियों का झुंड अचानक मुख्य मार्ग पर निकल आया। यह घटना जगजीतपुर क्षेत्र के पास हुई जहाँ हाथियों का झुंड सड़क पर से होकर गुजरा। लोगों ने जब अचानक हाथियों को देखा तो पूरे इलाके में अफरातफरी और दहशत का माहौल बन गया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे लोग अपनी सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने चिंता जताते हुए कहा कि बीते कुछ समय से आबादी वाले इलाकों में हाथियों के आने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। खासकर जगजीतपुर और इसके आसपास के इलाके, जहाँ घनी कॉलोनियां और कई पब्लिक स्कूल स्थित हैं, इन घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय लोग कहते हैं कि हाथियों की बढ़ती आवाजाही कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। सुबह और शाम के समय जब लोग काम पर जाते हैं या बच्चे स्कूल आते-जाते हैं, उस दौरान हाथियों का सड़क पर आना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में लगातार घटते जंगल क्षेत्र, अवैध खनन और तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के कारण हाथी भोजन और पानी की तलाश में आबादी वाले इलाकों की ओर आ रहे हैं।
हरिद्वार का जगजीतपुर क्षेत्र गंगा नदी के किनारे बसा है और यहां के आसपास कई वन क्षेत्र भी मौजूद हैं। पहले यह इलाका हाथियों का परंपरागत कॉरिडोर माना जाता था, लेकिन धीरे-धीरे मानव बस्तियों के फैलाव ने हाथियों के प्राकृतिक रास्तों को बाधित कर दिया है। यही कारण है कि हाथी अब अक्सर सड़कों और कॉलोनियों में भटकते हुए देखे जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम ने घटना के बाद मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों का कहना है कि हाथियों के मूवमेंट को लेकर निगरानी तेज की गई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि हाथियों का झुंड आसपास दिखाई दे तो लोग न तो उनके पास जाएं और न ही उन्हें उकसाने की कोशिश करें। किसी भी तरह की आपात स्थिति में तुरंत वन विभाग या पुलिस को सूचित करें।
यह पहली बार नहीं है जब हरिद्वार के लक्सर रोड या आसपास के क्षेत्रों में हाथियों का झुंड दिखाई दिया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब हाथियों ने खेतों को नुकसान पहुँचाया और कई बार वाहनों को भी क्षति हुई। हालाँकि इस बार सौभाग्य से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब हाथियों के प्राकृतिक आवास और कॉरिडोर को सुरक्षित किया जाए। इसके लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही स्थानीय लोगों को भी वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझना होगा और हाथियों से दूरी बनाए रखते हुए उनकी सुरक्षा में सहयोग करना होगा।
हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल पर इस तरह की घटनाएं आने वाले समय में बड़ी चुनौती बन सकती हैं। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल हरिद्वार आते हैं, ऐसे में वन्यजीवों का शहर की मुख्य सड़कों पर निकल आना सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है।
इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब लोग प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक इस तरह की घटनाएं यूं ही घटती रहेंगी। लोग चाहते हैं कि वन विभाग नियमित रूप से गश्त करे, हाथियों की मूवमेंट पर निगरानी रखे और स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए।
हाथियों का झुंड सड़क पर निकल आने की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि विकास और शहरीकरण की दौड़ में हम कहीं न कहीं प्रकृति और वन्यजीवों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं। जब तक जंगल सुरक्षित नहीं रहेंगे और हाथियों के प्राकृतिक रास्ते अवरुद्ध रहेंगे, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
यह जरूरी है कि प्रशासन, वन विभाग और आम जनता मिलकर हाथियों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ठोस रणनीति बनाएं। हाथियों का महत्व न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में है बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का भी अभिन्न हिस्सा हैं। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
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