हरिद्वार: तीर्थनगरी हरिद्वार में एक दिल दहला देने वाली घटना में पांच वर्षीय बच्ची लापता हो गई, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया। 27 जुलाई 2025 को कल्लू पुत्र सेवाराम निवासी पंडरी हलवा, थाना भवजीपुरा, बरेली ने कोतवाली नगर हरिद्वार में आकर सूचना दी कि उनकी मासूम पुत्री कुमारी सुधा, उम्र 5 वर्ष, हाथी पुल के नीचे रैन बसेरे के पास से लापता हो गई है।
बच्ची के अचानक गायब हो जाने की खबर से पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया। मामला सामने आते ही SSP हरिद्वार ने इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए तत्काल विशेष पुलिस टीम गठित कर बच्ची की खोजबीन के निर्देश जारी कर दिए।
हरिद्वार पुलिस ने झोंकी पूरी ताक़त – 300 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले, घाटों पर तलाशी अभियान
घटना की सूचना पर थाना कोतवाली नगर में FIR संख्या 528/2025, धारा 137(2) BNS के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने मामले को प्राथमिकता देते हुए व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया।गठित पुलिस टीम ने कोतवाली नगर क्षेत्र के 250–300 से अधिक CCTV कैमरों की गहनता से जांच की। इसके साथ ही गंगा किनारे के सभी प्रमुख घाटों पर मैनुअल पुलिसिंग बढ़ाई गई और तलाशी अभियान चलाया गया। घाटों पर संभावित अपहर्ता की तलाश की गई, साथ ही सूत्रों और मुखबिरों को भी अलर्ट किया गया।पुलिस ने हर पहलू से जांच करते हुए शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाट, पुल, पार्क और बाजारों में विशेष निगरानी रखी।
दो दिन बाद हरिद्वार रेलवे स्टेशन से सकुशल मिली मासूम, पुलिस की सतर्कता से टली अनहोनी
लगातार दो दिनों की मेहनत के बाद 29 जुलाई को हरिद्वार रेलवे स्टेशन से पुलिस टीम को सफलता मिली। अपहर्ता बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया। उसे तुरंत परिजनों के सुपुर्द किया गया।परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। बच्ची को सुरक्षित देखकर परिवार और स्थानीय लोग बेहद भावुक हो उठे और हरिद्वार पुलिस की तत्परता और जिम्मेदारी की प्रशंसा की।
पुलिस टीम का साहसी प्रयास – कौन-कौन थे शामिल?इस जटिल और संवेदनशील केस को सुलझाने में निम्न पुलिस अधिकारियों और जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही:प्रभारी निरीक्षक रितेश शाहनिरीक्षक वीरेंद्र चंद रमोलाउपनिरीक्षक चरण सिंहकांस्टेबल कमल मेहराकांस्टेबल निर्मल रांगणइन सभी ने सतर्कता, अनुभव और मानवीय भावना के साथ इस अभियान को सफल बनाया।
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हरिद्वार पुलिस ने फिर कायम की भरोसे की मिसालइस केस ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि हरिद्वार पुलिस सिर्फ अपराध नियंत्रण में नहीं, बल्कि जनसेवा और मानवता के मामलों में भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एक मासूम की जिंदगी को खतरे से बाहर निकालना कोई सामान्य कार्य नहीं होता, और वह भी तब जब कोई स्पष्ट सुराग न हो।हरिद्वार जैसे भीड़भाड़ वाले तीर्थस्थल में बच्ची की बरामदगी एक जिम्मेदार, सजग और प्रोफेशनल पुलिसिंग का सशक्त उदाहरण है।
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