
देहरादून में आदि कर्मयोगी मिशन का प्रतीक चिन्ह अनावरण"
देहरादून जिले में भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ को लेकर नई उम्मीदें जाग उठी हैं। इस मिशन का उद्देश्य है कि जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों के सभी लोगों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से शत प्रतिशत लाभ मिल सके। इसी क्रम में देहरादून जिले के कुल 41 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है, जिन्हें आने वाले समय में पूरी तरह योजनाओं से आच्छादित किया जाएगा। यह कदम न केवल जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करेगा बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी उन्हें सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव शाह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में ‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ का प्रतीक चिन्ह वर्चुअल रूप से अनावरण किया गया। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर और विकास खंड स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। सीडीओ ने अधिकारियों को इस मिशन को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ लागू करने की शपथ भी दिलाई। उन्होंने साफ कहा कि सरकार की यह पहल तभी सफल होगी जब सभी अधिकारी और कर्मचारी टीम भावना के साथ कार्य करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह ने विस्तार से जानकारी दी कि देहरादून जिले में इस मिशन के अंतर्गत चार विकास खंडों के कुल 41 गांव चयनित किए गए हैं। इनमें चकराता के 24 गांव, कालसी के 12 गांव, विकासनगर के 4 गांव और सहसपुर का 1 गांव शामिल है। इन गांवों में निवास करने वाले सभी जनजाति श्रेणी के परिवारों को सरकार द्वारा संचालित सभी लोक कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, आवास, पेयजल, विद्युत, पोषण, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल सुविधा, कृषि और सिंचाई जैसी योजनाएं शामिल होंगी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने बताया कि यह मिशन उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। देहरादून जिले के इन जनजातीय गांवों में लंबे समय से विकास की चुनौतियां रही हैं। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और संसाधनों की कमी के चलते कई बार यहां के लोग सरकारी सुविधाओं से पूरी तरह लाभान्वित नहीं हो पाते थे। लेकिन अब ‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक पात्र परिवार तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और किसी को भी उपेक्षित महसूस न करना पड़े। यह मिशन न केवल जनजातीय समुदाय को सशक्त करेगा बल्कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी गांव का कोई भी व्यक्ति शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। यही वजह है कि इस मिशन को लेकर अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न आए।
जनजातीय क्षेत्रों में अक्सर लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती या फिर उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। लेकिन ‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ इस समस्या का भी समाधान लेकर आया है। गांव-गांव जाकर योजनाओं की जानकारी देना, पात्र लोगों का चयन करना और उन्हें योजनाओं से जोड़ना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचेगा। देहरादून जिले में चयनित 41 गांवों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि अब ये गांव पूरी तरह योजनाओं से आच्छादित होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में इन गांवों के बच्चों को छात्रवृत्ति, निःशुल्क पाठ्य सामग्री और आधुनिक शिक्षा सुविधाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जाएगा और जनजातीय परिवारों को आयुष्मान भारत योजना जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के जरिए युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
इसके अलावा, कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में भी नई तकनीकों और योजनाओं को लागू किया जाएगा जिससे किसान और पशुपालक आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। महिला सशक्तिकरण के तहत जनजातीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित किया जाएगा। आवास योजनाओं के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे और जिन परिवारों के पास बिजली और पानी की सुविधा नहीं है, उन्हें यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस मिशन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जनजातीय गांवों में डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आज के समय में डिजिटल इंडिया की दिशा में बढ़ते कदमों के साथ जनजातीय समुदाय को भी डिजिटल रूप से सशक्त बनाना बेहद जरूरी है। इसलिए इन गांवों को इंटरनेट, बैंकिंग सुविधा और अन्य डिजिटल सेवाओं से जोड़ने की योजना भी बनाई गई है।
‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ का लक्ष्य केवल योजनाओं को लागू करना ही नहीं बल्कि गांवों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी है। इस अभियान के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे खुद भी सरकारी योजनाओं की जानकारी लें और उनका लाभ उठाएं। पारदर्शिता और जनभागीदारी इस मिशन की सबसे बड़ी ताकत है। देहरादून जिले के 41 जनजातीय गांवों को योजनाओं से जोड़ने की इस ऐतिहासिक पहल से प्रदेश के विकास की नई दिशा तय होगी। यह मिशन यह साबित करेगा कि सरकार का लक्ष्य केवल कागजों पर नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को बदलना है। इस अभियान से न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी लाभान्वित होंगी। सरकार और जिला प्रशासन की यह पहल एक संदेश देती है कि उत्तराखंड का विकास तभी संभव है जब हर गांव और हर परिवार को योजनाओं का लाभ मिले। ‘‘आदि कर्मयोगी मिशन’’ इसी सोच को साकार करने का एक मजबूत प्रयास है और इसका असर आने वाले वर्षों में प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर साफ दिखाई देगा।
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