थाईलैंड में सम्मान प्राप्त करतीं डॉ. लक्ष्मी रावत, ग्रीन एनवायरनमेंट अवार्ड के साथ।थाईलैंड में सम्मान प्राप्त करतीं डॉ. लक्ष्मी रावत, ग्रीन एनवायरनमेंट अवार्ड के साथ।

नई टिहरी। उत्तराखंड की प्रतिभाएं वैश्विक मंच पर चमक रही हैं। इसी कड़ी में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के पर्वतीय परिसर, रानीचौरी में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मी रावत को थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ग्रीन एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन अवार्ड” से सम्मानित किया गया।

यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें 22 जून 2025 को बैंकॉक स्थित सुआन सूनन्था राजभाट विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन “जलवायु परिवर्तन, संसाधन, जैव विविधता एवं पर्यावरणीय चुनौतियां: सतत विकास के मुद्दे और रणनीतियां” के दौरान प्रदान किया गया।

15 वर्षों से जैविक शोध और नवाचार में समर्पित योगदान

डॉ. लक्ष्मी रावत ने पिछले 15 वर्षों से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आजीविका के लिए जैविक और नवाचारी समाधान खोजने के कार्य में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके शोध का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करते हुए किसानों को सतत और लाभदायक विकल्प प्रदान करना रहा है।

सम्मेलन में उन्होंने उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान के मेल से किए गए प्रयोगों और उनके सफल परिणामों को प्रस्तुत किया। उन्होंने जैविक खेती, औषधीय पौधों के उपयोग, जल संरक्षण तकनीकों और कृषि में नवाचार पर केंद्रित अपना शोध कार्य साझा किया।

सम्मानित करने वाली अंतरराष्ट्रीय हस्तियां

डॉ. लक्ष्मी रावत को यह पुरस्कार प्रो. थावत्चाई कामोलथाम (निदेशक, कैनाबिस हेल्थ साइंस एंड मेडिकल हर्ब्स प्रोग्राम) और प्रो. सोमदेत रुंगस्रीसावत (डीन, एलाइड हेल्थ साइंसेज, सुआन सूनन्था राजभाट यूनिवर्सिटी, थाईलैंड) द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। आयोजकों ने डॉ. लक्ष्मी के कार्य को विज्ञान, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट और अनुकरणीय योगदान बताया।

डॉ. लक्ष्मी रावत का भावुक संदेश सम्मान मिलने के बाद डॉ. लक्ष्मी रावत ने कहा, “यह पुरस्कार न केवल मेरे लिए बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य के लिए गर्व की बात है। मैंने हमेशा यह प्रयास किया कि मेरे शोध कार्य का सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को मिले और स्थानीय लोग अपने संसाधनों के साथ आत्मनिर्भर बनें।”

विश्वविद्यालय में खुशी का माहौलडॉ. लक्ष्मी की इस उपलब्धि से पर्वतीय परिसर, रानीचौरी सहित पूरे विश्वविद्यालय में उत्साह का माहौल है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे संस्थान के लिए सम्मान और प्रेरणा का क्षण बताया है।

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