हरिद्वार, 02 अगस्त 2025:
हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला महिला एवं बाल कल्याण संरक्षण समिति की महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में बाल सुरक्षा, महिला कल्याण, और शिक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश जारी किए गए।
एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामलों में समयबद्ध कार्रवाई पर जोर
डीएम दीक्षित ने कहा कि मानव तस्करी से बचाए गए बच्चों और महिलाओं को समय से उनके घर भेजने की प्रक्रिया में कोई देरी न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस संबंध में सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित और समयबद्ध हों।
बाल मजदूरी से मुक्त बच्चों की शिक्षा प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उनके पुनर्वास की प्रक्रिया का नियमित फॉलोअप लिया जाए ताकि वे दोबारा उसी स्थिति में न लौटें।
बच्चों की सुपुर्दगी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समन्वय जरूरी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अन्य जनपदों से संबंधित बच्चों की सुपुर्दगी की जानकारी संबंधित जिले के प्रोबेशन अधिकारी और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को अवश्य उपलब्ध कराई जाए। साथ ही CWC को बच्चों की गतिविधियों की समय-समय पर जानकारी लेनी चाहिए।
शिक्षा और खेल में भागीदारी को प्रोत्साहन
डीएम दीक्षित ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल जैसे शैक्षिक साधनों की व्यवस्था की जाए।
इसके साथ ही 14 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
खेलों में रुचि रखने वाले बच्चों को भी समय रहते विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने की सूचना देने के निर्देश जिला क्रीड़ा अधिकारी को दिए गए।
स्वास्थ्य जांच और बाल विवाह पर सख्ती
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर बच्चों का हैल्थ चेकअप सुनिश्चित करने को कहा गया।
बाल विवाह पर कड़ा रुख अपनाते हुए डीएम ने कहा कि जनपद में एक भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए और यदि कोई सूचना प्राप्त हो, तो तुरंत कार्रवाई की जाए।
समाज कल्याण और विधिक सेवा प्राधिकरण से समन
बाल संरक्षण गृहों और शेल्टर होम्स में रहने वाले पात्र बच्चों के EWS सर्टिफिकेट बनवाने के निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिए गए।
निरीक्षण रिपोर्ट और कम्प्लायंस दस्तावेजों की प्रति सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में समय-समय पर भेजने के निर्देश भी दिए गए।
प्रोबेशन अधिकारी को यह भी निर्देशित किया गया कि माहवार निरीक्षण रिपोर्ट, कम्प्लायंस चार्ट आदि का संकलन कर डीएम, सीडीओ और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सौंपा जाए।
बैठक में शामिल हुए प्रमुख अधिकारी
बैठक में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिमरनजीत कौर, जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया, मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता, जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह, जिला क्रीड़ा अधिकारी शबाली गुरूंग, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य आदित्य कुमार, एएलसी प्रशांत कुमार, सहित अन्य अधिकारी और समिति सदस्य मौजूद थे। हरिद्वार में आयोजित इस बैठक में महिला एवं बाल कल्याण से जुड़े सभी पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा हुई और भविष्य में और भी बेहतर समन्वय व क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया गया। डीएम मयूर दीक्षित के नेतृत्व में यह स्पष्ट हुआ कि बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास हर स्तर पर प्रशासन की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
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