
"देहरादून में पीसीपीएनडीटी एक्ट की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते उत्तराखंड स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत"
देहरादून से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किये जा रहे कार्यों की जनपद स्तर पर निरंतर समीक्षा की जाएगी और इन बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्य भी मौजूद रहेंगे ताकि जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों का गहन परीक्षण हो सके। बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रदेश में अब गर्भ संबंधी दवाइयों की बिना चिकित्सकीय परामर्श बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। यदि किसी मेडिकल स्टोर पर मिसोप्रोस्टोल जैसी गर्भ संबंधी दवाओं की अवैध बिक्री पाई जाती है तो संबंधित स्टोर मालिक के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. धन सिंह रावत ने बैठक में स्पष्ट किया कि प्रदेश में पीसी-पीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) का पूरी सख्ती से पालन कराया जा रहा है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को ठोस निर्देश दिए कि गर्भ संबंधी दवाओं की निगरानी सख्ती से की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या की रोकथाम राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि नवजात शिशु के जन्म के 21 दिन के भीतर उसका जन्म पंजीकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराया जाए। इसके लिए ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू कर सकें। इसके साथ ही जन्म पंजीकरण और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को लेकर व्यापक जनजागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में चलाए जाएंगे ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें और समय पर बच्चों का पंजीकरण करवा सकें।
बैठक में मौजूद अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि प्रत्येक जनपद में पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाए और इसके लिए विभागीय अधिकारियों की जनपदवार जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय-समय पर भ्रमण करें और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, साथ ही समीक्षा बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्य भी शामिल हों ताकि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। बैठक में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की सदस्य एवं विधायक कैंट सविता कपूर, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव न्याय एम.के. पांडे, उप सचिव अनूप मिश्र, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एन.एस. बिष्ट, डॉ. अमलेश कुमार सहित बोर्ड के नामित सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वामी विवेकानंद हैल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय, धर्मावाला में अत्याधुनिक कैथ लैब का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस कैथ लैब के माध्यम से हृदय रोगियों को स्थानीय स्तर पर एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी जैसी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इससे न केवल मरीजों को समय पर उपचार मिलेगा, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं न्यूनतम शुल्क पर मिल पाएंगी।
डॉ. रावत ने कहा कि मिशन स्वामी विवेकानंद के सेवा और करुणा के आदर्शों को साकार कर रहा है और यह कदम प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और हर व्यक्ति को सुलभ एवं सस्ती स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र जी, विधायक सहसपुर सहदेव पुंडीर, दिव्य प्रेम मिशन के संस्थापक आशीष भैया, रोटरी क्लब के सदस्य एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
पूरी बैठक और कार्यक्रम से यह संदेश साफ है कि प्रदेश सरकार भ्रूण हत्या रोकथाम, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और जनता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठा रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने साफ किया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।