
"चमोली में एसडीएम राजकुमार पांडेय दवा दुकानों का निरीक्षण करते हुए"
जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देश पर सोमवार को चमोली जिले के गोपेश्वर बाजार में औषधि दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण उपजिलाधिकारी राजकुमार पांडेय के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम द्वारा किया गया, जिसमें पुलिस प्रशासन, औषधि निरीक्षक और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल थे। टीम ने कुल 09 दवा दुकानों की गहनता से जांच की और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया।
निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि दवा दुकानों में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो और कहीं भी एक्सपायर दवाइयों का स्टॉक ग्राहकों को न बेचा जा रहा हो। टीम ने दवाओं के रखरखाव, भंडारण व्यवस्था और आवश्यक अभिलेखों की गहन जांच की। इस दौरान कई दुकानों में अभिलेखों का अभाव और अनियमितताएं पाई गईं। जिन दुकानदारों के यहां ये खामियां मिलीं उन्हें आवश्यक अनुपालन हेतु सख्त निर्देश दिए गए।
उपजिलाधिकारी ने दुकानदारों को यह स्पष्ट चेतावनी दी कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत प्रत्येक प्रतिष्ठान में फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी हालत में एक्सपायर दवाइयों को सही स्टॉक से मिलाकर न रखा जाए। समय-समय पर एक्सपायर दवाओं को अलग करना और उनका उचित निस्तारण करना जरूरी है।
टीम ने दुकानदारों को यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि निगरानी मजबूत हो सके और अनियमितताओं पर रोक लगे। इसके अलावा, मनःप्रभावी औषधियों की बिक्री केवल डॉक्टर के लिखित परामर्श पर ही की जानी चाहिए। बिना पर्चे के इन दवाओं की बिक्री कानूनन अपराध है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान कुछ दुकानों में गंदगी और अस्वच्छ वातावरण पाया गया। इस पर टीम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए दुकानदारों को निर्देशित किया कि वे अपने प्रतिष्ठानों की नियमित सफाई करें और ग्राहकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। दवाओं का उचित भंडारण न होने और रेफ्रिजरेटर पर तापमान प्रदर्शित न होने के मामले में भी अधिकारियों ने असंतोष जताया और तत्काल सुधार के आदेश दिए।
यह निरीक्षण केवल दवा दुकानों की खामियों को उजागर करने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अधिकारियों ने दुकानदारों को जागरूक भी किया। उन्हें बताया गया कि उचित रखरखाव, दवाओं का सही भंडारण और नियमों का पालन करना न केवल उनकी जिम्मेदारी है बल्कि यह सीधे तौर पर आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
इस कार्रवाई के दौरान तहसीलदार दीप्ति शिखा, औषधि निरीक्षक हर्षित भट्ट और राजस्व निरीक्षक राजेश गौरखा भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दुकानदारों को चेतावनी दी कि अगली बार निरीक्षण में अनियमितताएं मिलने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस निरीक्षण से स्पष्ट संदेश गया है कि प्रशासन औषधि दुकानों की निगरानी को लेकर पूरी तरह गंभीर है। चिकित्सा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक्सपायर दवाओं का उपयोग सीधे तौर पर लोगों की सेहत के लिए खतरा बन सकता है और प्रशासन इस दिशा में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।
गोपेश्वर बाजार जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कस्बों में दवा दुकानों की नियमित जांच बेहद आवश्यक है, क्योंकि यहां दूर-दराज़ से मरीज दवाएं लेने आते हैं। अगर यहां अनियमितताएं होंगी तो सीधे तौर पर ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों के लोगों की सेहत प्रभावित होगी। यही कारण है कि उपजिलाधिकारी राजकुमार पांडेय ने दुकानदारों को सख्ती से चेताया कि वे नियमों का पालन करें, अन्यथा प्रशासनिक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इस निरीक्षण के बाद जिलेभर में दवा दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। कई दुकानदार अब अपनी दुकानों में व्यवस्था सुधारने में जुट गए हैं ताकि अगली जांच में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
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