
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली नंदानगर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण और स्थलीय निरीक्षण करते हुए।
उत्तराखंड के चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा ने जन-जीवन को गहरा आघात पहुंचाया है। इस विनाशकारी घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और पीड़ितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को राहत एवं पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) कार्यों को तेज़ी से संचालित करने के निर्देश दिए ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सामान्य जीवन मिल सके।
मुख्यमंत्री ने आपदा में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी प्रभावित गांवों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाए जाएं और किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने पाए। धामी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जन-जीवन को तेजी से पटरी पर लाना और आवश्यक सुविधाओं की बहाली करना है।

मुख्यमंत्री धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए आपदा प्रभावित कुंतारी लगा फाली और कुंतारी लगा सरपाणी गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने धुर्मा, मोख, कुंडी, बांसबारा और मोखमल्ला गांवों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने वहां हुए नुकसान का विस्तृत आकलन किया और अधिकारियों को आपदा से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों, पेयजल आपूर्ति और बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं को प्राथमिकता से बहाल करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को राहत और बचाव कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 12 घायल व्यक्तियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से हायर सेंटर रेफर किया गया है, जिनमें से 01 को एम्स ऋषिकेश और 11 घायलों को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर भेजा गया है। प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 45 भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 15 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। इसके अलावा 08 पशुओं की मौत और 40 पशुओं के लापता होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित गांवों में विस्तृत सर्वेक्षण का कार्य जारी है और प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री, आश्रय, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राहत एवं पुनर्वास कार्य में किसी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति, पेयजल और सड़क संपर्क को तुरंत बहाल किया जाए ताकि लोग अपने घरों में सुरक्षित रूप से लौट सकें। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से भेंट कर उनका दुख साझा किया और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक अमला लगातार काम कर रहा है। धामी ने कहा कि सरकार ने राहत कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करा दिए हैं और प्रभावित परिवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा जैसी परिस्थितियों में सरकार और जनता के बीच मजबूत तालमेल जरूरी है और सभी विभागों को मिलकर राहत कार्यों को समय पर पूरा करना होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर जनता से अपील की कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन को सही जानकारी देकर सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह सक्रिय है और जल्द ही सभी प्रभावित क्षेत्रों को पुनः सामान्य स्थिति में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
इस दौरे के दौरान प्रदेश के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक थराली भूपाल राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, एसडीएम चमोली आर.के. पाण्डेय सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
चमोली की यह आपदा एक बार फिर उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाएं पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बनी हुई हैं। ऐसे में सरकार का त्वरित कदम राहत और पुनर्वास की दिशा में उम्मीद की किरण है। मुख्यमंत्री धामी का दौरा न केवल प्रभावित लोगों के लिए राहत का संदेश लेकर आया बल्कि प्रशासनिक स्तर पर तेजी से कार्यवाही का भरोसा भी दिया।
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