हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए साधु के भेष में घूमते फर्जी व्यक्ति को गिरफ्तार करती जीआरपी पुलिसहरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए साधु के भेष में घूमते फर्जी व्यक्ति को गिरफ्तार करती जीआरपी पुलिस

उत्तराखंड की जीआरपी पुलिस इन दिनों अपने विशेष अभियान “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत राज्यभर में लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में अब तक कई फर्जी साधु पकड़े जा चुके हैं। ताज़ा मामले में जीआरपी ने हरिद्वार से 2 और काठगोदाम से 3 ऐसे व्यक्तियों को पकड़ा है जो साधु का भेष धारण कर रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में घूम रहे थे।

हरिद्वार और काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर छापेमारी

एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट ने ऑपरेशन कालनेमि को उत्तराखंड के सभी रेलवे स्टेशनों पर एक साथ लागू किया। इस अभियान के दौरान हरिद्वार जीआरपी थाना और काठगोदाम जीआरपी थाना की पुलिस टीम ने साधु वेश में घूम रहे संदिग्ध व्यक्तियों को रोका और उनसे पहचान पत्र की मांग की। जब ये व्यक्ति कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए, तो कड़ी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पहचान छिपाकर घूम रहे थे फर्जी साधु

पूछताछ में सामने आया कि ये लोग फर्जी नाम और पहचान के साथ रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में भीख मांगते और यात्रियों को भ्रमित कर रहे थे। ये लोग किसी भी तरह का कोई वैध आधार कार्ड, पहचान पत्र या स्थानीय पते का प्रमाण नहीं दे सके। ऐसे में जीआरपी पुलिस ने इनके खिलाफ BNSS की धाराओं में कानूनी कार्रवाई की।

क्यों जरूरी है “ऑपरेशन कालनेमि”?

उत्तराखंड जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर अक्सर फर्जी साधु, भिक्षावृत्ति करने वाले, और छल-कपट के इरादे से घूमने वाले व्यक्ति सक्रिय रहते हैं। ये अपराध में संलिप्त हो सकते हैं, यात्रियों को ठग सकते हैं या रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।”ऑपरेशन कालनेमि” का उद्देश्य इन संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण करना और रेलवे परिसरों को सुरक्षित व विश्वसनीय बनाना है।

जीआरपी की सख्ती से बढ़ी सुरक्षाइस अभियान से यह साफ हो गया है कि जीआरपी अब सुरक्षा मामलों में कोई लापरवाही नहीं बरत रही है। एसपी तृप्ति भट्ट के आदेशों के तहत चलाए गए इस अभियान ने यह भी साबित किया है कि उत्तराखंड पुलिस किसी भी रूप में छुपे अपराधियों को बख्शने के मूड में नहीं है।

आगे भी जारी रहेगा ऑपरेशन जीआरपी ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और भविष्य में भी इसी तरह की तलाशी और सत्यापन कार्रवाई जारी रहेगी। सभी जीआरपी थानों को इस अभियान के तहत संदिग्ध लोगों की गहन जांच और साक्ष्य आधारित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

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