हरिद्वार जनपद में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। शुक्रवार 20 जून 2025 को उप जिलाधिकारी (SDM) जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई छापेमारी में गैंडीखाता क्षेत्र के तीन मदरसों को सीज कर दिया गया।इस कार्रवाई को लेकर पहले ही जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा सख्त निर्देश जारी किए गए थे।

प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई को प्रदेश सरकार के उस अभियान का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें राज्यभर में संचालित अनियमित या बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों की जांच की जा रही है।
सीज किए गए मदरसों की जानकारी
1. कासमिया दावत उल उलूम – अबरार मस्जिद के पास, सेक्टर 6, गुज्जर बस्ती गैंडीखाता
2. इमदादिया दारूल उलूम – आयसा मस्जिद के पास, सेक्टर 8, गुज्जर बस्ती गैंडीखाता
3. जामिया इस्लामिया गुजरान – कालागढ़ बस्ती, गुज्जर बस्ती गैंडीखाता प्रशासन ने इन तीनों मदरसों को तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया है। इन संस्थानों के पास आवश्यक दस्तावेजों और वैध पंजीकरण की कमी पाई गई, जिस पर कार्रवाई की गई है।
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छापेमारी की प्रक्रिया और प्रशासनिक जिम्मेदारी
इस अभियान की अगुवाई स्वयं उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने की। उनके साथ प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम मौजूद रही, जिन्होंने मौके पर जाकर दस्तावेजों की जांच की और अवैध संचालन के प्रमाण मिलने के बाद तत्काल सीलिंग की कार्रवाई पूरी की।

अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि पूरे अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या टकराव की स्थिति न बने। कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि उत्तराखंड में अवैध और अपंजीकृत शिक्षण संस्थानों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वे किसी भी धार्मिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से जुड़े हों। राज्य सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना है।
इसी कड़ी में जिलाधिकारी स्तर पर नियमित रूप से जांच अभियान चल रहे हैं और संबंधित उप जिलाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं।
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जनहित में जारी चेतावनी
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी संस्था बिना उचित वैधता के किसी प्रकार की शैक्षिक गतिविधि चला रही है, तो उसके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी संस्थानों को सलाह दी गई है कि वे अपने दस्तावेज़, पंजीकरण और लाइसेंस समय रहते अपडेट कर लें।
हरिद्वार जिले में प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि अब अवैध शिक्षण संस्थानों को किसी भी स्तर पर संरक्षण नहीं मिलेगा। SDM जितेंद्र कुमार द्वारा तीन मदरसों को सीज करना यह स्पष्ट करता है कि सरकार की नज़र अब हर उस संस्था पर है जो कानून की अनदेखी कर रही है। राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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