
जिलाधिकारी सविन बंसल जनता दरबार में नागरिकों की समस्याएं सुनते और अधिकारियों को निर्देश देते हुए
देहरादून में जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन और जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दूर-दराज के क्षेत्रों से कुल 144 नागरिक अपनी समस्याओं और शिकायतों के साथ उपस्थित हुए। जिलाधिकारी ने मौके पर अधिकांश शिकायतों का निस्तारण किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जन समस्याओं को गंभीरता और प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए।
जनसुनवाई के दौरान नागरिकों ने आपदा, पेयजल, शिक्षा, घरेलू विवाद, एमडीडीए, नगर निगम, पुलिस, आर्थिक सहायता, मुआवजा, भूमि विवाद, अतिक्रमण, कब्जा और अन्य प्रशासनिक समस्याओं को सामने रखा। जिलाधिकारी ने अवैध अतिक्रमण और भूमि सीमांकन से संबंधित शिकायतों पर एसडीएम और तहसीलदारों को निर्धारित समयावधि में कार्रवाई करने के आदेश दिए।

मेहूवाला निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपनी बहू द्वारा मारपीट और घर पर कब्जा करने की शिकायत की, जिस पर डीएम ने भरण पोषण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग दर्ज करने के निर्देश दिए। वहीं, विधवा विशाखा ने पति के मृत्यु के बाद होम लोन और इंश्योरेंस क्लेम में आ रही समस्याओं की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने प्रभारी अधिकारी को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए ताकि मामले का त्वरित समाधान हो सके।
डालनवाला निवासी अनुराधा देवी ने बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद बैंक ऋण और बीमा से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। डीएम ने एएसडीएम सदर को सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर शीघ्र प्रकरण पर कार्रवाई हेतु फाइल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। चन्द्र परिसर कॉलोनी की 71 वर्षीय महिला ने एमडीडीए के मानक के विरुद्ध बहुमंजिला भवन निर्माण और अनुचित दबाव की शिकायत की, जिस पर डीएम ने संबंधित अधिकारी को लिखित जवाब देने को कहा।
कालिका मार्ग निवासी निशा ने अपने घर की दीवार पर पानी रिसने से करंट आने की समस्या बताई। डीएम ने ओसी कलेक्टरेट से तत्काल रिपोर्ट तलब की। रेश्मा बिष्ट ने पति द्वारा घर से निकालने और भरण पोषण न मिलने की शिकायत पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीड़ित को विधिक सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। पथरिया पीर की विधवा नीतू ने स्वरोजगार ऋण आवेदन में विलंब की शिकायत की, जिस पर जिलाधिकारी ने जीएमडीआई से एटीआर तलब किया।

जनसुनवाई में अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की शिकायतों पर डीएम ने एडीएम को प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ मानकों के अनुसार सहायता राशि वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। करनपुर गांव, कोण्डोई, खैरी, हल्द्वाड़ी और अन्य क्षेत्रों में खेत, गूल, घर, सड़क और पेयजल लाइन को हुए नुकसान का प्रकरण भी अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के लिए सौंपा गया।
राजपुर ग्राम पुरकुल में भू माफियाओं द्वारा पर्यटन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे, ग्राम सिगली में सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण और डोईवाला में सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायतों पर डीएम ने एसडीएम को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। विकासनगर के कुल्हाल मटक में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा न मिलने की शिकायत पर एसएलएओ को त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए। भोगपुर और आर्य नगर में भूमि सीमांकन में देरी की शिकायत पर एसडीएम को कारण सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
चानचक और भारूवाला में राशन दुकान दूर होने की समस्या के समाधान हेतु पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए। डीएल रोड निवासी ममता ने गुलाबी राशन कार्ड बनाने की गुहार लगाई। विकासनगर के ग्राम ढलानी में दूरसंचार नेटवर्क की समस्या, साई नारायण धाम में सड़क किनारे पेड़ों की लापिंग और पातन जैसी समस्याओं पर संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। जिला पंचायत सदस्य ने पानी के बढ़ते बिल, सड़क किनारे वृक्षों की लापिंग और हरिपुरकलांम में सीवर लाइन की सफाई से संबंधित शिकायतें प्रस्तुत कीं।

जनसुनवाई में पारिवारिक भूमि विवाद, रजिस्ट्री, निजी भूमि पर कब्जा हटवाने आदि समस्याओं को जिलाधिकारी के समक्ष रखा गया। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (एफआर) केके मिश्रा, एसडीएम स्मृता परमार, एसडीएम अपूर्वा सिंह, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, डीडीओ संजय कुमार, डीईओ प्रेमलाल भारती, तहसीलदार विवेक राजौरी, डीएसओ केके अग्रवाल, डीएसडब्ल्यूओ दीपांकर घिल्डियाल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई केवल शिकायत दर्ज करने का मंच नहीं बल्कि वास्तविक कार्रवाई सुनिश्चित करने का अवसर है।
यह कार्यक्रम प्रशासन और जनता के बीच एक मजबूत संवाद स्थापित करने का प्रयास है। जनता दरबार के माध्यम से नागरिक अपनी समस्याओं का समाधान सीधे जिलाधिकारी और संबंधित विभागों तक पहुंचा सकते हैं। ऐसे कार्यक्रम स्थानीय प्रशासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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