
मुंबई क्राइम ब्रांच टीम द्वारा इब्राहिम शेख की गिरफ्तारी
मुंबई शहर में अपराध की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं, लेकिन मुंबई क्राइम ब्रांच समय-समय पर अपनी सक्रियता और तत्परता से इन पर अंकुश लगाती रही है। हाल ही में गिरगांव इलाके में हुई 2.50 करोड़ रुपए की सनसनीखेज लूट का खुलासा कर क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर अपनी दक्षता साबित की है। पुलिस ने इस लूटकांड के मास्टरमाइंड इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 29.50 लाख रुपए नगद भी बरामद किए।यह वारदात 10 सितंबर 2025 को हुई थी जब एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बैजनाथ उर्फ पिंटू यादव बड़ी रकम लेकर जा रहा था। तभी गिरगांव स्थित एक निर्माणाधीन इमारत के नीचे उसकी कार को रोककर लुटेरों ने हमला किया। पिंटू को बेहोश कर उसके हाथ-पैर बांध दिए गए और पूरी रकम लेकर आरोपी फरार हो गए।
मुंबई में हाल ही में घटित हुई 2.50 करोड़ रुपए की लूट ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया था। गिरगांव इलाके में दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने व्यापारियों और आम नागरिकों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। घटना के बाद से ही पुलिस और क्राइम ब्रांच की कई टीमें लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थीं। आखिरकार मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 को बड़ी सफलता हाथ लगी और इस सनसनीखेज लूटकांड का खुलासा कर लिया गया। पुलिस ने लूट के मास्टरमाइंड इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से लूट की रकम में से 29.50 लाख रुपए बरामद हुए हैं।
यह लूट 10 सितंबर 2025 को हुई थी। एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बैजनाथ उर्फ पिंटू यादव बड़ी रकम लेकर जा रहा था। गिरगांव स्थित एक निर्माणाधीन इमारत के पास जब वह पहुंचा, तभी कुछ अज्ञात बदमाशों ने उसकी कार को रोका। उन्होंने उस पर हमला कर उसे बेहोश कर दिया और उसके हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद बदमाश 2.50 करोड़ रुपए की भारी रकम लेकर फरार हो गए। इस घटना ने शहर में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
फाइनेंस कंपनी के मालिक नारायण हरि महावीर प्रसाद हालन ने तुरंत वीपी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज हुआ और इसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि लूट की योजना का मास्टरमाइंड इब्राहिम शेख है, जो मुंब्रा का रहने वाला है। इब्राहिम ने यह कदम अपने लहसुन के व्यापार में हुए भारी घाटे को पूरा करने के लिए उठाया था। उसे पहले ही किसी ने सूचना दे दी थी कि पिंटू बड़ी रकम लेकर आ रहा है। इसी सूचना के आधार पर उसने अपने तीन साथियों के साथ इस पूरी लूट को अंजाम दिया।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स का बारीकी से अध्ययन किया। इसके अलावा मुखबिरों से मिली जानकारी ने पुलिस को और अधिक पुख्ता सुराग दिए। इन सभी सुरागों को जोड़कर पुलिस आखिरकार इब्राहिम शेख तक पहुंची और उसे इंदौर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसके पास से लूट की रकम का एक हिस्सा भी बरामद किया गया।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इब्राहिम ने इस लूट की योजना काफी सोच-समझकर बनाई थी। वह अपने तीन साथियों के साथ मिलकर वारदात के लिए निकला था। उन्होंने पहले से ही पिंटू यादव की गतिविधियों पर नजर रखी और सही समय देखकर हमला किया। पिंटू को बेहोश कर बड़ी आसानी से रकम पर हाथ साफ कर लिया गया। अब पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पिंटू की जानकारी आखिर किसने इब्राहिम तक पहुंचाई थी। माना जा रहा है कि इस सूचना ने लूट को संभव बनाया।
पुलिस अब इब्राहिम से गहन पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसके गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल थे और बाकी रकम कहां छिपाई गई है। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इब्राहिम पहले भी किसी अन्य आपराधिक वारदात में शामिल रहा है। पुलिस उसके पुराने रिकॉर्ड की छानबीन कर रही है और उसके नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।
इस लूटकांड ने गिरगांव इलाके के व्यापारियों और नागरिकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। दिनदहाड़े इस तरह की वारदात ने लोगों का विश्वास हिला दिया था, लेकिन क्राइम ब्रांच की तत्परता और तेजी से की गई कार्रवाई ने लोगों में फिर से भरोसा जगाया है। पुलिस की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि संगठित अपराध चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे कानून के शिकंजे से बचाना आसान नहीं है।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं। लूट की पूरी रकम बरामद करना और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करना उनका अगला लक्ष्य है। पुलिस का यह भी मानना है कि इब्राहिम जैसे अपराधियों को पकड़ना न केवल इस वारदात को सुलझाने के लिए जरूरी है बल्कि भविष्य में होने वाले अपराधों को रोकने के लिए भी अहम है।
मुंबई जैसी महानगरी में अपराधों का दबदबा हमेशा चिंता का विषय रहा है। हालांकि पुलिस की सक्रियता और उनकी योजनाबद्ध कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, वे कानून से ज्यादा देर तक नहीं बच सकते। इस मामले में पुलिस की रणनीति और तेज कार्रवाई ने न सिर्फ एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश किया बल्कि शहरवासियों को यह भरोसा भी दिलाया कि उनकी सुरक्षा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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