
हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित अधिकारियों की बैठक लेते हुए"
रिपोर्ट जतिन
हरिद्वार डीएम का सख्त आदेश: अधिकारी बिना अनुम
हरिद्वार जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि उनके माध्यम से संचालित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों और आम जनता तक समय पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को सचेत करते हुए निर्देश दिया कि कोई भी जिला स्तरीय अधिकारी उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। यदि किसी अधिकारी को किसी आवश्यक कार्यवश मुख्यालय से बाहर जाना पड़ता है, तो उसके लिए पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके साथ ही डीएम ने नगर निगम और नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में बिना लाइसेंस ठेली, रेहड़ी और फड़ का संचालन बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए और शहर में अवैध रूप से चल रहे ऐसे प्रतिष्ठानों को तुरंत बंद कराया जाए।
बैठक में राशन वितरण व्यवस्था पर भी विशेष चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि राशन कार्डों का सत्यापन शीघ्रता से पूरा किया जाए ताकि अपात्र लाभार्थियों को बाहर किया जा सके और सही पात्र लोगों तक ही सरकारी सुविधा पहुंचे। इसी क्रम में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी आदेश दिया कि आयुष्मान भारत योजना के सभी कार्ड धारकों को समय पर और पूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

शिक्षा और बाल विकास विभाग पर बात करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में जो भी विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर स्थिति में हैं या जिनका मरम्मत कार्य लंबित है, उनके प्रस्ताव तुरंत प्रस्तुत किए जाएं ताकि मरम्मत कार्य जल्द शुरू हो सके।
जिला योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि योजना अंतर्गत स्वीकृत धनराशि को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से खर्च किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि विकास कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धनराशि का शीघ्र व्यय सुनिश्चित करें और तय समयसीमा के भीतर सभी कार्य पूरे करें।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा स्वीकृत योजनाएं सीधे तौर पर आम जनता के हित से जुड़ी होती हैं, इसलिए उनमें पारदर्शिता और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। यदि किसी विभाग द्वारा लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट संदेश गया है कि हरिद्वार प्रशासन अब जिले के विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह सख्त है। डीएम के इस निर्णय से जिला स्तरीय अधिकारियों की जवाबदेही और अधिक बढ़ गई है। बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाने से प्रशासनिक कामकाज में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। वहीं, बिना लाइसेंस ठेली और रेहड़ी संचालन पर रोक लगाकर शहर में सुव्यवस्था और कानूनी पालन सुनिश्चित होगा।
जनता के लिए यह बैठक एक सकारात्मक कदम साबित हो सकती है क्योंकि इससे सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर और सही लोगों तक पहुंचने की उम्मीद बढ़ेगी। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण और अव्यवस्था रोकने में भी प्रशासन की सख्ती मददगार होगी।
यह भी पढ़ें–“चमोली में मेडिकल स्टोरों पर एसडीएम की सख्ती: दवा दुकानों के निरीक्षण में मिली अनियमितताएं”