
एसएसपी देवेंद्र पींचा अपराध गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए।
अल्मोड़ा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देवेंद्र पींचा की अध्यक्षता में पुलिस लाइन सभागार में मासिक अपराध गोष्ठी और सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के सभी थानाध्यक्षों और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य अपराध नियंत्रण, साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई, यातायात प्रबंधन और जनता तक डिजिटल पुलिस सेवाओं को सुगमता से पहुँचाने पर केंद्रित रहा।
बैठक में एसएसपी ने निर्देश दिए कि लंबित विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण किया जाए और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देते हुए ठगों और धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ आसानी से मिलना चाहिए, इसलिए सभी थानाध्यक्ष सुनिश्चित करें कि डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं का प्रचार-प्रसार हो और लोग इनसे लाभान्वित हों।
आगामी त्योहारों के दृष्टिगत पुलिस बल को सतर्क रहने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई। एसएसपी ने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों, धार्मिक स्थलों और बाजारों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
एसएसपी देवेंद्र पींचा ने “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत साधु-संत का भेष धारण कर भोले-भाले लोगों को ठगने वाले अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके साथ ही “ऑपरेशन भल छौ” के तहत वरिष्ठ नागरिकों और पुलिस पेंशनरों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान करने पर बल दिया।
बैठक में यातायात व्यवस्थाओं पर भी गहन चर्चा हुई। एसएसपी ने निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ओवरलोडिंग, नशे की हालत में वाहन चलाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसके लिए यातायात नियमों के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाए जाएं।
इस अवसर पर पुलिसकर्मियों के उत्कृष्ट कार्यों को भी सम्मानित किया गया। एसओजी अल्मोड़ा के कांस्टेबल इरशाद उल्ला को ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान फायरिंग प्रकरण में तीन अभियुक्तों को वाहनों सहित गिरफ्तार करने पर ‘एम्प्लॉयी ऑफ द मंथ’ चुना गया। इसके अलावा 10 अन्य पुलिसकर्मियों को भी प्रभावी पुलिसिंग और सराहनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक हरबंस सिंह, पुलिस उपाधीक्षक गोपाल दत्त जोशी, विमल प्रसाद, राजीव टम्टा समेत जिले के सभी थानाध्यक्ष और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। यह सम्मेलन केवल अपराध नियंत्रण की रणनीति पर ही केंद्रित नहीं रहा, बल्कि इसमें पुलिस और जनता के बीच विश्वास और संवाद बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि अल्मोड़ा पुलिस नागरिक-मैत्री दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। पुलिसिंग का उद्देश्य केवल अपराधियों पर कार्रवाई करना ही नहीं, बल्कि समाज में शांति, सुरक्षा और सहयोग का वातावरण बनाना भी है। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस युग में डिजिटल सेवाओं का उपयोग बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि नागरिक बिना किसी परेशानी के पुलिस सेवाओं का लाभ उठा सकें।
इस बैठक के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को यह संदेश दिया गया कि समय के साथ पुलिसिंग की चुनौतियाँ भी बदल रही हैं और अब साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा, सड़क सुरक्षा और डिजिटल सेवाएँ प्राथमिकता के विषय हैं।
अल्मोड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों और सख्त निर्देशों से यह साफ है कि आने वाले दिनों में अपराध नियंत्रण और जनता की सुविधा के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।