
"चमोली में नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों पर समीक्षा बैठक"
चमोली जनपद में होने वाली विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारियाँ तेज हो गई हैं। इस यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने और लाखों श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने राजजात यात्रा से संबंधित प्रस्तावित कार्यों पर चर्चा की। अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि योजनाएँ तैयार करते समय उनकी उपयोगिता और वास्तविक आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि केवल दिखावटी प्रस्ताव नहीं बल्कि ऐसे कार्य प्रस्तावित किए जाएं जिनसे यात्रा मार्ग पर आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे सुविधा मिल सके।
चमोली जनपद में आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा 2025 की तैयारियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर उपलब्ध सुविधाओं, सुरक्षा प्रबंधन और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा करना था। अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित न रखा जाए बल्कि उनकी उपयोगिता और आवश्यकता को देखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्वयं यात्रा मार्ग का भौतिक निरीक्षण करें और वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखकर योजनाएँ बनाएं।
बैठक में यात्रा मार्ग की सड़कों, पैदल रास्तों, पार्किंग स्थल, विद्युत आपूर्ति, पेयजल की उपलब्धता और आवास की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई। अपर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि वे यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर आवास, बिजली, पेयजल और पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने पुलिस विभाग को भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने जानकारी दी कि नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों की ओर से अब तक 121 प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त 125 प्रस्तावों पर जिला स्तर पर कार्यवाही प्रगति पर है। शासन की ओर से पाँच सड़क और सड़क सुरक्षा कार्यों को वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है और इन पर काम तेजी से शुरू कर दिया गया है।
बैठक में बदरीनाथ वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी सर्वेश दूबे, पुलिस उपाधीक्षक अमित सैनी, उप जिलाधिकारी राजकुमार पांडेय और मुख्य चिकित्साधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। वन विभाग ने यात्रा मार्ग पर हरित आवरण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही। पुलिस विभाग ने लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने, संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती और सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का प्रस्ताव रखा। स्वास्थ्य विभाग ने मार्ग में अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाने, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और एंबुलेंस सेवाओं की तैयारी की जानकारी दी।
यात्रा मार्ग पर पेयजल और बिजली की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी ने जल संस्थान और विद्युत विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि समय रहते सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी स्थान पर पानी या रोशनी की समस्या का सामना न करना पड़े।
नंदा देवी राजजात यात्रा को हिमालय का महाकुंभ भी कहा जाता है। यह यात्रा बारह वर्षों में एक बार आयोजित होती है और इसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से शामिल होते हैं। यात्रा लगभग 280 किलोमीटर लंबी और बेहद कठिन मानी जाती है, क्योंकि इसमें ऊंचे पहाड़ी मार्ग, दुर्गम चोटियां और कठिन मौसम शामिल होता है। यात्रा का धार्मिक महत्व अपार है और इसे देवी नंदा को मायके से विदा करने की परंपरा के रूप में देखा जाता है। इसके साथ ही यह यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का प्रतीक भी है।
श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान कई दिनों तक पैदल चलते हुए होमकुंड और रूपकुंड तक पहुंचते हैं। रास्ते में पारंपरिक लोक नृत्य, लोक गीत और धार्मिक अनुष्ठान इस यात्रा को और भी विशेष बना देते हैं। हर बार जब यह यात्रा होती है तो स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह आस्था और उत्सव का अद्वितीय संगम बन जाती है। यही कारण है कि यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन से लेकर आम जनता तक सभी बेहद उत्साहित रहते हैं।
अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी प्रस्ताव वास्तविक आवश्यकताओं पर आधारित हों और श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभागों के बीच आपसी समन्वय को मजबूत करने पर भी जोर दिया ताकि सभी तैयारियाँ समय पर पूरी हो सकें।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि नंदा देवी राजजात यात्रा 2025 को लेकर प्रशासन बेहद गंभीर है। विभागीय स्तर पर तैयारियाँ तेज गति से चल रही हैं और शासन की ओर से भी कई योजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है। यदि सभी विभाग मिलकर तय समय सीमा में कार्य पूरा कर लेते हैं तो श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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