
"हरिद्वार की टूटी सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते स्थानीय लोग"
हरिद्वार शहर के उत्तरी क्षेत्रों में सीवर निर्माण कार्य की धीमी गति और उससे उत्पन्न समस्याओं ने जनता का सब्र अब तोड़ दिया है। गंगा विहार, सत्यम विहार, श्यामलोक, पावन धाम पुलिया, दुधाधारी से दुर्गा नगर तक का मुख्य मार्ग, पावन धाम से सर्वानंद मार्ग, जसविंद्र इंक्लेव, गायत्री विहार और गंगोत्री विहार जैसे क्षेत्रों की सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढे राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि महीनों से सीवर निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है और एजेंसी की लापरवाही के चलते सड़कें अब खतरनाक हो चुकी हैं। इन टूटी-फूटी सड़कों से गुजरना न केवल मुश्किल है बल्कि हर दिन छोटे-बड़े हादसों का खतरा बना रहता है। कई जगहों पर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। रविवार को इस लापरवाही के खिलाफ क्षेत्रीय जनता ने व्यापारी नेता सुनील सेठी के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी बार-बार शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठा रही और सीवर निर्माण कार्य को समय पर पूरा नहीं कर रही है।
जनता का गुस्सा, सीएम को भेजा पत्र
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सीवर निर्माण करने वाली एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने बताया कि उन्होंने पहले भी सीवर कार्यदायी संस्था की कमियों को उजागर करते हुए शिकायत भेजी थी। इसके बावजूद स्थिति जस की तस है।
सुनील सेठी ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार की कॉलोनियों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। दुधाधारी, लोकनाथ मार्ग और करपात्री चौक जैसे मुख्य मार्गों पर आम लोग आए दिन परेशान हो रहे हैं। स्कूल बसें, एंबुलेंस और बड़े वाहन तक सुरक्षित रूप से इन सड़कों से नहीं गुजर पा रहे। जनता अब त्रस्त हो चुकी है और किसी भी कीमत पर ऐसी एजेंसी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
हादसों का खतरा, बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर
गंगा विहार, सत्यम विहार और श्यामलोक जैसी कॉलोनियों में स्थिति बेहद गंभीर है। यहां के निवासियों का कहना है कि सड़क पर बने गड्ढों के कारण बच्चे अक्सर गिरकर चोटिल हो जाते हैं, वहीं बुजुर्गों के लिए चलना बेहद मुश्किल हो गया है। लोकनाथ पुलिया का हाल भी चिंताजनक है। यह पुलिया श्मशान घाट जाने का एकमात्र रास्ता है और यहां से बड़े वाहन और स्कूल बसें गुजरती हैं। लेकिन पुलिया और आसपास की सड़कें इतनी खराब हो चुकी हैं कि हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
ऑटो चालक और व्यापारी वर्ग भी परेशान
विरोध प्रदर्शन में शामिल ऑटो यूनियन अध्यक्ष हरीश अरोड़ा और दीपक उप्रेती ने कहा कि टूटी सड़कों पर ऑटो रिक्शा आए दिन पलट जाते हैं। इससे यात्रियों को चोटें आती हैं और वाहन भी खराब हो रहे हैं। व्यापारी वर्ग का कहना है कि इस समस्या से उनके कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। खराब सड़कों के कारण ग्राहक आने से कतराने लगे हैं। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि जनता को इस मुसीबत से राहत दिलाई जाए और निर्माण एजेंसी पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही शेष सीवर कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए ताकि लोगों को बार-बार परेशानी न झेलनी पड़े। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन अब भी चुप बैठा रहा तो मजबूरन आंदोलन को और तेज किया जाएगा। क्षेत्रीय जनता ने चेतावनी दी है कि सड़क पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन और एजेंसी की होगी।
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी और व्यापारी शामिल रहे। इनमें प्रमुख रूप से जनार्दन पांडे, हरीश अरोड़ा, हरि सिंह नेगी, राम निवास गोयल, हरिमोहन भारद्वाज, मनोज कुमार, लालजी यादव, सुमित गर्ग, अभिषेक शर्मा, राकेश सिंह, डॉक्टर स्मिथ ऐरन, राजू जोशी, सोनू चौधरी, सन्नी अरोड़ा, परमिंदर चौधरी, सतेंद्र साहू, अमन कुमार, ललित शर्मा, रमन ठाकुर, संतोष कुमार, राजेश भाटिया, पवन कुमार, राजेश पांडे और गोपाल सिंह मौजूद रहे। सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि अब समय आ गया है कि प्रशासन लापरवाह एजेंसी पर कठोर कदम उठाए और क्षेत्र की टूटी-फूटी सड़कों को जल्द दुरुस्त किया जाए।
हरिद्वार की जनता का कहना है कि जब तक सीवर निर्माण कार्य की गति तेज नहीं होगी और सड़कें सही नहीं होंगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। लोगों ने साफ कहा है कि सरकार को चाहिए कि वह लापरवाह एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करे और नई एजेंसी को नियुक्त कर कार्य पूरा कराए। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह सिर्फ विकास का मुद्दा नहीं बल्कि जनजीवन और सुरक्षा का सवाल है। यदि सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और निर्माण एजेंसी की होगी।
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