
ज्वालापुर पुलिस टीम द्वारा अंबेडकर नगर में आयोजित चौपाल कार्यक्रम में नशा और साइबर अपराध से बचाव के उपाय बताते हुए अधिकारी।
रिपोर्ट जतिन
हरिद्वार जिले में पुलिस प्रशासन लगातार अपराध और नशे के खिलाफ अभियान चला रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के आदेश पर “ऑपरेशन ड्रग्स फ़्री देवभूमि मिशन 2025” के तहत जगह-जगह चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में दिनांक 30 अगस्त 2025 को कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने अंबेडकर नगर में एक चौपाल का आयोजन किया। इस चौपाल का नेतृत्व चौकी प्रभारी नवीन नेगी और उप निरीक्षक सोनम रावत ने किया। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, नव युवाओं और कॉलोनी वासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित लोगों को बताया कि अवैध मादक पदार्थों का सेवन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि समाज को भी बर्बाद करता है। नशे के कारण युवा पीढ़ी अपराध की ओर बढ़ती है और परिवारिक तथा सामाजिक ढांचे पर गंभीर असर पड़ता है। चौपाल में मौजूद हर व्यक्ति को यह संदेश दिया गया कि नशे से दूर रहना ही सुरक्षित और सफल जीवन की कुंजी है। अधिकारियों ने कहा कि जो भी व्यक्ति नशे के कारोबार में लिप्त है या ऐसे कारोबारियों की मदद करता है, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने इस अवसर पर नागरिकों को साइबर अपराध से बचने के लिए भी जागरूक किया। बताया गया कि आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फर्जी कॉल, बैंकिंग धोखाधड़ी, फर्जी निवेश और ऑनलाइन लोन जैसे तरीकों से अपराधी भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। लोगों को विशेष रूप से यह चेतावनी दी गई कि वे किसी के साथ अपना ओटीपी, बैंक खाता विवरण या अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। पुलिस ने स्पष्ट किया कि यदि किसी के साथ साइबर धोखाधड़ी हो तो तुरंत 1930 नंबर पर सूचना दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। चौपाल में ढोंगी बाबाओं और कालनेमी जैसे पाखंडी लोगों से बचने के उपाय भी बताए गए। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे लोग धर्म और आस्था के नाम पर लोगों को भ्रमित करते हैं और उनका शोषण करते हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस तक पहुंचानी चाहिए।
नागरिकों को यह भी बताया गया कि पुलिस लगातार नशा और अपराध के खिलाफ अभियान चला रही है। इस मिशन का लक्ष्य देवभूमि उत्तराखंड को पूरी तरह नशा मुक्त बनाना है। इसके लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग जरूरी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने मोहल्ले और गली में हो रही संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें। जानकारी देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की और विश्वास दिलाया कि वे हर कदम पर पुलिस का साथ देंगे। लोगों ने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम समाज को सही दिशा देने का काम करते हैं। चौपाल में शामिल युवाओं ने भी पुलिस को सहयोग का आश्वासन दिया और यह संदेश फैलाने की जिम्मेदारी ली कि नशा छोड़ो और समाज को सुरक्षित बनाओ।
ऑपरेशन ड्रग्स फ़्री देवभूमि मिशन 2025 केवल पुलिस का अभियान नहीं है बल्कि यह समाज और प्रशासन दोनों की साझी जिम्मेदारी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक नशा और अपराध पर पूरी तरह लगाम लगाना मुश्किल है। इस चौपाल के माध्यम से पुलिस ने नागरिकों को बताया कि मिलजुलकर ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। साइबर अपराध पर विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि आज के डिजिटल युग में अपराधी नए-नए तरीके अपनाते हैं। कभी फर्जी कॉल करके लॉटरी का लालच देते हैं तो कभी बैंक अधिकारी बनकर खाता संबंधी जानकारी मांगते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग और सोशल मीडिया पर भी ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को सतर्क रहना होगा। पुलिस ने समझाया कि बिना जांचे-परखे किसी लिंक पर क्लिक न करें, किसी को अपने दस्तावेज़ की कॉपी न भेजें और संदिग्ध कॉल की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
कार्यक्रम का सबसे अहम पहलू यह था कि पुलिस ने नागरिकों को भागीदार बनाया। पुलिस ने यह साफ कर दिया कि बिना जनता के सहयोग के न तो नशे पर रोक लगाई जा सकती है और न ही साइबर अपराध पर। लोगों ने भी पुलिस के इस प्रयास को सराहा और अपने बच्चों तथा परिवार को नशे से दूर रखने का वादा किया। हरिद्वार पुलिस का यह अभियान नशा मुक्त समाज की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऑपरेशन ड्रग्स फ़्री देवभूमि मिशन 2025 का लक्ष्य स्पष्ट है कि उत्तराखंड की धरती को नशे और अपराध से पूरी तरह मुक्त बनाना है। इस दिशा में पुलिस लगातार काम कर रही है और चौपाल जैसे कार्यक्रमों के जरिए गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला जाकर लोगों को जोड़ रही है।
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