
स्वास्थ्य सचिव से मिलता प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ का प्रतिनिधिमंडल
देहरादून में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार से मुलाकात के लिए पहुंचा। इस अवसर पर संघ ने प्रदेश के 196 चिकित्सकों को स्पेशल ड्यूटी अलाउंस फॉर क्रिटिकल पोजीशन (SDACP) का लाभ दिए जाने पर आभार जताया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के अध्यक्ष मनोज वर्मा, महासचिव डॉ. रमेश कुँवर, डॉ. तुहिन, डॉ. यशपाल सिंह समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। संघ ने कहा कि यह निर्णय लंबे समय से लंबित मांगों के समाधान की दिशा में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कदम है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। संघ ने स्वास्थ्य सचिव को बताया कि वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर आभार प्रकट करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य सचिव से अन्य लंबित मुद्दों पर भी चर्चा की। इनमें पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत चिकित्सकों को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने की मांग शामिल रही। साथ ही, सुगम और दुर्गम क्षेत्रों का उचित निर्धारण करने, चिकित्सकों की पदोन्नति के लिए नियमित विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक आयोजित करने और अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा हेतु स्थायी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने जैसी मांगें प्रमुखता से उठाई गईं।
संघ ने कहा कि वर्तमान समय में राज्य का स्वास्थ्य तंत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सक सीमित संसाधनों के बीच दिन-रात काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें अतिरिक्त भत्ते और सुविधाएं मिलना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर कई बार घटनाएं सामने आई हैं, इसलिए अस्पतालों में स्थायी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती जरूरी है। इसके अलावा, पदोन्नति संबंधी प्रक्रिया में देरी होने से चिकित्सकों में निराशा पनपती है। इसलिए नियमित DPC बैठकों का आयोजन राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
संघ पदाधिकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने हमेशा चिकित्सकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है। 196 डॉक्टरों को SDACP का लाभ मिलने से जहां चिकित्सकों का मनोबल बढ़ा है, वहीं स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर होंगी। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला आने वाले समय में चिकित्सा सेवा को और अधिक मजबूत बनाएगा तथा युवाओं को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बैठक में संघ के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि सरकार ने चिकित्सकों की मांगों को समझा और तेजी से निर्णय लेकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देती है। महासचिव डॉ. रमेश कुँवर ने कहा कि यदि शेष मांगों पर भी जल्द सकारात्मक निर्णय लिया जाता है तो यह प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की सकारात्मक नीतियां चिकित्सकों को बेहतर ढंग से काम करने का अवसर देंगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार चिकित्सकों की समस्याओं को गंभीरता से देख रही है और चरणबद्ध तरीके से समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कार्यरत चिकित्सकों की कठिनाइयों को समझते हुए सरकार ठोस नीतियां बनाने पर विचार कर रही है। संघ ने बैठक के अंत में कहा कि चिकित्सक समाज और सरकार के बीच सेतु की भूमिका निभाते हैं। यदि उन्हें उचित सम्मान, सुविधाएं और सुरक्षा मिले तो वे और अधिक समर्पण से कार्य कर सकेंगे। उन्होंने दोहराया कि सरकार से मिल रहे समर्थन के कारण चिकित्सक प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे।
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