
कुंडा थाना क्षेत्र में हमले के बाद जांच करती पुलिस"
काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र से एक बड़ी वारदात सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। हल्दुआ साहू गांव निवासी बलजीत सिंह पुत्र जोगेंद्र सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि उनके परिवार पर हथियारबंद बदमाशों ने घर में घुसकर हमला करने का प्रयास किया। इस घटना ने न सिर्फ परिवार को हिलाकर रख दिया बल्कि पूरे गांव में भय का माहौल बना दिया है। बलजीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि 23 अगस्त को उनका बेटा गुरमीत सिंह अचानक फोन पर धमकी भरी कॉल आने से परेशान हो गया। यह फोन कॉल कप्तान सिंह उर्फ लवली पुत्र बलकार सिंह नाम के एक व्यक्ति ने की थी। उसने न सिर्फ गाली-गलौज की बल्कि यह भी धमकी दी कि यदि गुरमीत सिंह घर से बाहर नहीं निकला तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। फोन कॉल के कुछ ही समय बाद बलजीत सिंह के घर के बाहर हथियारबंद लोगों का जमावड़ा लग गया।
पीड़ित परिवार का कहना है कि हमलावरों में कप्तान सिंह के साथ रक्षपाल सिंह, आरिफ, विकम सिंह, रोहित, गुरप्रीत सिंह समेत 7 नामजद लोग थे, जबकि उनके साथ 10 से 12 अन्य अज्ञात बदमाश भी शामिल थे। सभी लोग तलवारें, लाठी-डंडे और तमंचे लेकर पहुंचे और घर के गेट को जोर-जोर से पीटने लगे। परिवार को लगा कि किसी भी क्षण ये लोग घर के अंदर घुसकर हमला कर देंगे। स्थिति गंभीर होती देख बलजीत सिंह ने अपने चाचा जसवीर सिंह को फोन किया। जसवीर सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने हमलावरों का सामना करते हुए उन्हें डांटकर भगा दिया। लेकिन भागते समय बदमाशों ने परिवार को खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावर तलवारें और तमंचे लहराते हुए गौरा फार्म रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान गौरा गांव के लोगों ने शोरगुल सुनकर उन्हें चोर समझ लिया और हंगामा खड़ा हो गया। भीड़ का दबाव बढ़ते देख हमलावर वापस हल्दुआ गांव की ओर भाग गए।
बलजीत सिंह का आरोप है कि ये सभी लोग आपराधिक प्रवृत्ति के शातिर बदमाश हैं। यदि इन्हें जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो उनके परिवार को किसी भी दिन गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुंडा थाना प्रभारी हरेंद्र चौधरी ने बताया कि बलजीत सिंह की तहरीर पर सात नामजद और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से इलाके में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते पुलिस सक्रिय नहीं हुई तो बदमाशों का हौसला और बढ़ जाएगा। लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई और इलाके में गश्त बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में अब लोगों की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं। फिलहाल पुलिस की ओर से आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पीड़ित परिवार ने भी उम्मीद जताई है कि प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और हमलावरों को जेल भेजकर उन्हें इंसाफ दिलाएगा। यह घटना उत्तराखंड में बढ़ते अपराधों पर भी सवाल खड़े करती है। एक ओर सरकार प्रदेश को सुरक्षित बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर हथियारबंद बदमाश खुलेआम घरों पर हमला करने से नहीं हिचकिचा रहे। ऐसे में लोगों की चिंता स्वाभाविक है। अब देखना होगा कि पुलिस इस पूरे मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और अपराधियों को सजा दिलाती है।
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