
जिलाधिकारी सविन बंसल आपराधिक वादों की समीक्षा बैठक करते हुए।
देहरादून जिले में लंबित आपराधिक वादों के त्वरित निस्तारण को लेकर डीएम सविन बंसल ने बुधवार को एक अहम समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सत्र और अपर सत्र न्यायालयों में विचाराधीन मामलों की प्रगति की गहन समीक्षा की और शासकीय अधिवक्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन कारणों से वाद लंबित चल रहे हैं, उनका स्पष्ट उल्लेख करते हुए शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने कहा कि लंबित आपराधिक वादों का जल्द से जल्द निपटारा होना बेहद जरूरी है, ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके और दोषियों को समय पर सजा दिलाकर कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके।
डीएम ने न्यायालयों में चल रहे आपराधिक मामलों की स्थिति, गवाहों की उपलब्धता, प्रस्तुत किए जा रहे साक्ष्यों और पैरवी की गंभीरता पर विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं को सख्त निर्देश दिए कि हर मामले में समय पर साक्ष्य प्रस्तुत करें और गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही उन मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए जिनमें अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। डीएम ने कहा कि चार्जशीट लंबित रखने से मामलों में देरी होती है और इसका सीधा असर न्याय प्रक्रिया पर पड़ता है। इसलिए चार्जशीट को समय पर दाखिल करना बेहद आवश्यक है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जो भी मामले न्यायालयों में लंबित हैं, उनके कारणों का विस्तृत विवरण तैयार किया जाए और त्वरित निराकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन न्यायालयों में लंबित मामलों की प्रगति पर हर माह समीक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। डीएम ने यह भी कहा कि गवाहों और साक्ष्यों की अनुपलब्धता को लेकर किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
संयुक्त निदेशक विधि और जिला शासकीय अधिवक्ता ने बैठक में जानकारी दी कि जनपद देहरादून के विभिन्न न्यायालयों में कई मामले वर्तमान में विचाराधीन हैं। इनमें बड़्स न्यायालय के अंतर्गत जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों से जुड़े 5 मामले, गैंगस्टर न्यायालय के 7, सत्र न्यायालय के 28, पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के 38, एफटीएससी (Fast Track Special Court) के 41, एनडीपीएस एक्ट से जुड़े 19, पॉक्सो एक्ट के 81, अपर सत्र न्यायालय विकासनगर के 18 और ऋषिकेश न्यायालय के 11 मामले विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में सुनवाई जारी है और प्रगति पर नजर रखी जा रही है। बैठक में डीएम ने जोर देकर कहा कि अपराधियों को समय पर सजा दिलाना ही कानून व्यवस्था को मजबूत करने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर आपराधिक मामले में पूरी गंभीरता के साथ पैरवी करें और यह सुनिश्चित करें कि पीड़ितों को न्याय देने में देरी न हो।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक न्यायालय में लंबित वादों की स्थिति, उनके लंबित होने के कारण और उनके समाधान के उपायों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मामलों में गवाह अनुपस्थित रहते हैं, वहां पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि गवाहों की उपस्थिति हर हाल में दर्ज हो। बैठक में जिलाधिकारी के साथ अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशा) जय भारत सिंह, एसडीएम अपूर्वा सिंह, संयुक्त निदेशक विधि गिरीश चंद्र पंचोली और जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) जीपी रतूड़ी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। देहरादून में लंबित आपराधिक वादों के त्वरित निस्तारण की यह पहल प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे जहां पीड़ितों को समय पर न्याय मिलेगा, वहीं अपराधियों के मन में कानून का डर भी बढ़ेगा।
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