
देहरादून डीएम सविन बंसल ने कैनफिन होम्स लिमिटेड की संपत्ति कुर्क की”
देहरादून में गूंजा प्रशासन का डंडा
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए कैनफिन होम्स लिमिटेड बैंक की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। यह मामला चुक्खुवाला निवासी माला देवी का है, जिनके पति स्व. उदय शंकर ने मकान खरीदने के लिए बैंक से ऋण लिया था। 20 लाख रुपये का यह ऋण बीमा सहित था और इसमें से 12.22 लाख रुपये की किस्तें पहले ही जमा कराई जा चुकी थीं। दुर्भाग्यवश 20 जनवरी 2025 को उदय शंकर की मृत्यु हो गई। नियमों के अनुसार बीमा कंपनी को बाकी ऋण का निस्तारण करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विधवा और दो बच्चों की व्यथा
पति की मृत्यु के बाद माला देवी पर जिम्मेदारी का बोझ आ गया। दो छोटे बच्चों की पढ़ाई और परवरिश का खर्च पहले ही भारी था, लेकिन इसके ऊपर बैंक और बीमा कंपनी का दबाव अलग से। माला देवी ने डीएम से फरियाद लगाई कि बैंक और इंश्योरेंस कंपनी न केवल बीमा क्लेम की प्रक्रिया में देरी कर रही है, बल्कि मकान के कागजात भी अपने पास रखकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।
जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई
महिला की पीड़ा सुनने के बाद डीएम सविन बंसल ने तुरंत एक्शन लिया।
- कैनफिन होम्स लिमिटेड के जीएमएस रोड स्थित प्रबंधक पर ₹22 लाख की आरसी काटी गई।
- इसके बाद बैंक की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया।
- 23 अगस्त 2025 को नीलामी की तारीख तय कर दी गई।
- यह कार्रवाई न केवल पीड़ित महिला के लिए राहत साबित हुई, बल्कि अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी सख्त संदेश मिला कि जनता को अनावश्यक रूप से परेशान करने पर प्रशासन पीछे नहीं हटेगा।
प्रशासन का बढ़ता प्रभाव
पिछले कुछ महीनों से जिलाधिकारी बंसल लगातार ऐसे मामलों में कठोर रुख अपना रहे हैं।
- एक ओर वे जनमानस को न्याय दिला रहे हैं।
- दूसरी ओर जो संस्थान या अधिकारी जनता को परेशान करने की कोशिश करते हैं, उन पर कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं।
- इससे जनता का प्रशासन पर विश्वास बढ़ा है और गलत करने वालों में प्रशासन का खौफ भी गहरा हुआ है।
क्यों जरूरी है यह कदम?
भारत में कई बार बीमा पॉलिसी और बैंकिंग नियमों के बावजूद आश्रितों को समय पर राहत नहीं मिलती।
- बीमा कंपनियां फाइल लंबित रखती हैं।
- बैंक क्लेम निस्तारण में टालमटोल करते हैं।
- इसका असर सीधे परिवार और खासकर बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है।
- माला देवी का मामला भी इसी तरह का था। यदि प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो शायद यह परिवार और गहरी मुश्किल में चला जाता।
जनता की प्रतिक्रिया
देहरादून के लोगों ने इस निर्णय की सराहना की है। कई सामाजिक संगठनों ने कहा कि यह कदम भविष्य में बैंकों और बीमा कंपनियों को जिम्मेदारी निभाने के लिए मजबूर करेगा। लोगों का कहना है कि डीएम की यह कार्रवाई उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जो वर्षों से बैंकों और बीमा कंपनियों की लापरवाही झेल रहे हैं।कैनफिन होम्स लिमिटेड पर की गई कार्रवाई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए चेतावनी है।सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने में लापरवाही का परिणाम कठोर दंड हो सकता है।अब वे आश्रितों के साथ मनमानी नहीं कर पाएंगे। हर बीमा कवर वाले ऋण की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध करनी होगी।
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