
दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण वितरित करते अधिकारी"
रिपोर्ट जतिन
जिलाधिकारी सविन बसंल ने किया निरीक्षण
देहरादून में गांधी शताब्दी चिकित्सालय अब राज्य का पहला आधुनिक दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DDRC) बनने जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बसंल ने आज इस केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया और संचालित गतिविधियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यह केंद्र पूरी तरह दिव्यांगजनों की सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र का विस्तारीकरण (Expansion) किया जाए और विशेष रूप से फिजियोथेरेपी के लिए अलग स्थान बनाया जाए। इसके लिए चिकित्सालय के पीछे बने कक्ष को केंद्र में जोड़ा जाएगा।
दिव्यांगजनों के लिए आधुनिक सुविधाएं
यह आधुनिक दिव्यांग पुनर्वास केंद्र दिव्यांग नागरिकों के लिए अब एक ऐसी जगह होगी जहाँ उन्हें सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी। यहाँ न सिर्फ प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा होगी, बल्कि साथ ही —
- फिजियोथेरेपी और ऑक्युपेशनल थेरपी
- मनोवैज्ञानिक और सामाजिक परामर्श
- कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण वितरण
- श्रवण यंत्र और ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराना
- पंजीकरण और प्रमाणन सेवाएं
- कौशल विकास एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण
इससे पहले ये सेवाएं अलग-अलग केंद्रों पर दी जाती थीं, जिससे दिव्यांगजनों को काफी परेशानी होती थी। अब इन सभी सेवाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराकर उन्हें राहत दी जाएगी।
आधार अपडेट और पंजीकरण की सुविधा
केंद्र में हर मंगलवार और बुधवार को आधार मशीन लगाई जाएगी, जहाँ एक्सपर्ट कार्मिक मौजूद रहेंगे। यहाँ दिव्यांगजन अपना आधार कार्ड बनवा सकेंगे और अपडेट भी करवा सकेंगे। इसके अलावा, केंद्र में वेटिंग रूम और पंजीकरण कक्ष भी बनाया गया है ताकि किसी को असुविधा न हो।
समाज कल्याण विभाग करेगा संचालन
यह केंद्र समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित होगा। संचालन की जिम्मेदारी एक स्वैच्छिक संस्था को सौंपी जाएगी, जो भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत काम करेगी। केंद्र में कुल 14 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनका वेतन समाज कल्याण विभाग देगा। यहाँ एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम होगी जिसमें शामिल होंगे –
- फिजियोथेरेपिस्ट
- स्पीच थेरेपिस्ट
- ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट
- काउंसलर
- विशेषज्ञ चिकित्सक
ये सभी विशेषज्ञ मिलकर दिव्यांगजनों के लिए समग्र पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री की पहल से जुड़ी नई सोच
इस आधुनिक पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की समावेशी और सुलभ सेवा नीति का हिस्सा है। विगत 5 वर्षों से डीडीआरसी केंद्र हरबर्टपुर से करीब एक किलोमीटर दूरी पर संचालित हो रहा था। इसका एक सब-सेंटर सनातन धर्म कन्या इंटर कॉलेज, राजा रोड में भी क्रियाशील था। लेकिन इससे दिव्यांगजनों को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब सभी सेवाओं को एक ही जगह लाकर सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए सुविधाजनक और सुलभ व्यवस्था की है।
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
केंद्र में दिव्यांगजनों को सिर्फ चिकित्सा सुविधाएं ही नहीं, बल्कि कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि उन्हें स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ा जाए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
यहाँ मिलने वाली सेवाओं में शामिल हैं –
- व्हीलचेयर और ट्राईसाइकिल वितरण
- श्रवण यंत्र और कृत्रिम अंग
- विशेष शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण
- पुनर्वास सेवाएं और परामर्श
इसके अलावा, दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं जैसे यूडीआईडी कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से भी जोड़ा जाएगा।
समाज में जागरूकता का संचार
केंद्र न केवल सेवाएं देगा, बल्कि समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान भी चलाएगा। इसका उद्देश्य है कि समाज में दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया जा सके और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिले।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर निरीक्षण के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे जिनमें शामिल थे –
- मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा
- प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनु जैन
- प्रमोद कुमार
- राजीव सब्बरवाल
देहरादून के गांधी शताब्दी चिकित्सालय में स्थापित होने जा रहा यह राज्य का पहला आधुनिक दिव्यांग पुनर्वास केंद्र दिव्यांगजनों के जीवन में एक नई आशा लेकर आया है। अब उन्हें प्रमाणन से लेकर कृत्रिम अंग, फिजियोथेरेपी, परामर्श और स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। यह केंद्र दिव्यांगजनों को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर एक सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।