
रुद्रपुर में राजकीय शिक्षक संघ का धरना-प्रदर्शन, प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती निरस्त करने की मांग
रुद्रपुर ।
उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को राजकीय इंटर कॉलेज बागवाला में राजकीय शिक्षक संघ ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार और शिक्षा विभाग को कठघरे में खड़ा किया। शिक्षकों की सबसे बड़ी मांग थी कि प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती को तुरंत निरस्त किया जाए और पदोन्नति प्रक्रिया को बहाल किया जाए।
शिक्षकों का आक्रोश और मुख्य मांगें
धरना-प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों ने स्पष्ट कहा कि सरकार का यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाला है। उन्होंने सरकार के उदासीन रवैये पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन चरणबद्ध तरीके से और तेज किया जाएगा।
शिक्षकों ने जो प्रमुख मांगें उठाईं, उनमें शामिल हैं:
- प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती को निरस्त किया जाए।
- रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया बहाल की जाए।
- स्थानांतरण प्रक्रिया को गतिमान किया जाए।
- चयन प्रोन्नत वेतन निर्धारण पर न्यायालय के हालिया आदेश के अनुसार वेतन वृद्धि लागू की जाए।
- माध्यमिक शिक्षकों के वरिष्ठ और कनिष्ठ वेतन निर्धारण संबंधी आदेश जारी हों।
- अटल आदर्श विद्यालयों में कार्यरत व नवीन चयनित शिक्षकों के गुणांक समान किए जाएं।
आंदोलन का भविष्य और चरणबद्ध कार्यक्रम
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर तुरंत कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को राज्य स्तर पर और बड़ा किया जाएगा।
शिक्षकों ने आगामी कार्यक्रम इस प्रकार घोषित किए:
- 25 अगस्त – ब्लॉक मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन।
- 27 अगस्त – जिला मुख्यालय पर धरना।
- 29 अगस्त – मंडल मुख्यालय पर विरोध।
- 1 सितंबर से – शिक्षा निदेशालय, देहरादून में धरना-प्रदर्शन।
इस ऐलान के बाद साफ है कि शिक्षकों का आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है और यह पूरे प्रदेश में बड़ा रूप ले सकता है।
सरकार और शिक्षा विभाग पर सवाल
शिक्षकों का कहना है कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। लंबे समय से लंबित पड़ी पदोन्नति और स्थानांतरण प्रक्रिया को गतिमान नहीं किया जा रहा, जिससे शिक्षकों का मनोबल गिर रहा है।
शिक्षकों ने यह भी कहा कि प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती योग्य और वरिष्ठ शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। यह नीति न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि शिक्षा व्यवस्था के लिए भी घातक साबित होगी।
शिक्षकों के विचार और नेतृत्व की भूमिका
धरना स्थल पर मौजूद कई शिक्षक नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी।
- राजकुमार चौधरी (प्रदेश उपाध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ) ने कहा कि आंदोलन अब प्रदेशव्यापी होगा।
- हरिदास विश्वास, राजेन्द्र सिंह, गरिमा पांडे, दीपक अरोरा, विनोद कुमार, यश यादव, नीलिमा कोहली, शमशेर सिंह खोलिया, कवीन्द्र सिंह नेगी, मनोज कुमार आगरी और डॉ. उमाशंकर जैसे शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और आंदोलन को समर्थन दिया।
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