
उत्तराखंड राज्यपाल गुरमीत सिंह आईटी पार्क आपदा केंद्र में समीक्षा करते हुए
रिपोर्टर: जतिन
धराली आपदा पर राज्यपाल की नजर — आईटी पार्क से ग्राउंड जीरो तक की समीक्षा
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आईटी पार्क, देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में पहुंचकर धराली (उत्तरकाशी) में 5 अगस्त को आई विनाशकारी आपदा से जुड़े राहत और बचाव कार्यों की बारीकी से समीक्षा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा के समय टीम भावना और सामूहिक उत्तरदायित्व ही सबसे बड़ा हथियार होता है। इस मौके पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना करते हुए कहा कि संकट की घड़ी में उनका नेतृत्व आदर्श उदाहरण है।
आपदा प्रबंधन में समन्वय की मिसाल
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने धराली आपदा में जिस तरह सभी विभागों के बीच समन्वय बनाते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से कार्यों की निगरानी की, वह अत्यंत सराहनीय है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड का भौगोलिक ढांचा आपदा संवेदनशील है, इसलिए हमेशा तैयार रहना, लगातार सीखना और रणनीतियों को अपडेट करना अनिवार्य है।\
प्रधानमंत्री का सहयोग और त्वरित निर्णय की भूमिका
राज्यपाल ने इस कठिन परिस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “किसी भी आपदा का प्रभावी सामना करने के लिए त्वरित निर्णय बेहद जरूरी होते हैं, और धराली आपदा में यह दृष्टिकोण अपनाकर समय पर लोगों की जान बचाई गई।”
भविष्य के लिए सीख — डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण की जरूरत
राज्यपाल ने निर्देश दिया कि इस आपदा में हुए सभी राहत और बचाव कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण किया जाए, ताकि भविष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार हो सके।
उन्होंने कहा कि USDMA की SOP को समय-समय पर मैदानी अनुभव और परिस्थितियों के अनुसार अपडेट करना चाहिए।
मानसून की चुनौती — 24×7 अलर्ट मोड पर एजेंसियां
राज्यपाल ने चेतावनी दी कि मानसून अभी जारी है और आगे भी कई चुनौतियां आ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों को 24×7 अलर्ट मोड में रहना होगा और यह देखना होगा कि आपदा पर प्रतिक्रिया कितनी प्रभावी है, क्योंकि यही तय करता है कि जान-माल का नुकसान कितना कम होगा।
वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से संवाद
राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञ टीमों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत की।
उन्होंने हर्षिल में बनी झील से जल निकासी, धराली-मुखबा पुल की स्थिति और उसकी सुरक्षा सहित विभिन्न अभियानों की प्रगति की जानकारी ली। टीम ने बताया कि सर्वेक्षण जारी है और रिपोर्ट जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी।
आपदा प्रबंधन का सबक — टीमवर्क और तैयारी ही जीत की कुंजी
धराली आपदा ने एक बार फिर साबित किया कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में तैयारी, त्वरित निर्णय, समन्वय और टीमवर्क सबसे महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल के नेतृत्व में हुई समीक्षा बैठक ने भविष्य की आपदा स्थितियों के लिए एक मजबूत एक्शन प्लान की नींव रखी है।
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