
जौनपुर सड़क हादसा — बस और ट्रक की टक्कर के बाद क्षतिग्रस्त बस का दृश्य"
हादसे की दर्दनाक तस्वीर: जौनपुर में रोडवेज बस और ट्रक की सीधी टक्कर
जौनपुर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में सोमवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। खेतासराय थाना क्षेत्र के गुरैनी बाजार के पास वाराणसी से शाहगंज जा रही रोडवेज बस एक ट्रक से टकरा गई, जिसमें 5 यात्रियों की मौत हो गई और 24 लोग घायल हुए। हादसे की वजह ड्राइवर की लापरवाही और तेज रफ्तार बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा? — चश्मदीदों ने सुनाई दास्तां
मंगलवार रात करीब 11 बजे, वाराणसी डिपो की रोडवेज बस वाराणसी से शाहगंज के लिए रवाना हुई। बस में कुल 30 यात्री सवार थे।
जब बस अयोध्या-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरैनी बाजार के पास पहुंची, तो ड्राइवर ने एक कार को ओवरटेक करने की कोशिश की। ओवरटेक करते समय सामने से तेज रफ्तार ट्रक आ गया। टक्कर से ठीक पहले बस चालक गाड़ी से कूद गया, जबकि बस सीधी ट्रक से जा टकराई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्राइवर हादसे से पहले मोबाइल पर बात कर रहा था और गाड़ी बहुत तेज चला रहा था। यह लापरवाही यात्रियों की जान ले गई।
टक्कर का भयावह मंजर
टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा लगभग 3 फीट अंदर धंस गया। खिड़कियां और शीशे चकनाचूर हो गए।
अगले केबिन में बैठे यात्री सीटों में फंस गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। राहत और बचाव कार्य शुरू करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
मृतकों की पहचान
हादसे में मारे गए यात्रियों की पहचान इस प्रकार हुई:
- देवी प्रसाद (32) — निवासी पटैला गांव, खुटहन, जौनपुर
- सराय रतन लाल (60) — निवासी खलौतीपुर, खेतासराय
- प्रियल (02 वर्ष) — निवासी निजामपुर, शाहगंज
- पूनम विश्वकर्मा (26) — शाहगंज निवासी
- गेना देवी (59) — निवासी पवई, आजम
घायलों की लंबी सूची
इस भीषण हादसे में 24 यात्री घायल हुए, जिनमें से 6 की हालत गंभीर है। घायलों में मनोज कुमार, सरस्वती, राज, हरिश्चंद्र, ऊषा देवी, प्रदीप मिश्र, रविंद्र कुमार, सरिता, विनोद सरोज, चंदन, शनि कुमार, रामपलर, सोनाली, रविंद्र प्रसाद और भोला शामिल हैं। सभी को हबीब अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ड्राइवर की हरकत से बढ़ा हादसे का खतरा
बस में सफर कर रहे यात्री शनि कुमार साहू ने बताया कि वाराणसी डिपो से निकलने से पहले ही ड्राइवर का स्टेपनी को लेकर झगड़ा हुआ था। वह गुस्से में गाड़ी चला रहा था और तेज रफ्तार पर काबू नहीं रख पा रहा था।
हादसे से पहले एक महिला अपनी 2 साल की बच्ची को लेकर आगे आकर बैठ गई और शनि को पीछे जाने को कहा। हादसे के बाद वही बच्ची प्रियल इस दुनिया से चली गई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही खेतासराय थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एम्बुलेंस और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल भेजा गया।
डॉक्टर प्रमोद कुमार निषाद (हबीब अस्पताल) ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही 4 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ड्राइवर की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है। मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार और गलत दिशा में ओवरटेक जैसे कारण यात्रियों के जीवन को खतरे में डालते हैं।
सरकार और परिवहन विभाग को न केवल ड्राइवरों के प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि सख्त नियम और नियमित जांच भी सुनिश्चित करनी चाहिए।
जौनपुर का यह हादसा एक दर्दनाक सबक है कि सड़क पर एक छोटी-सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। पांच परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, और कई अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
हमें सड़क पर सावधानी, धैर्य और नियमों के पालन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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