
नंदा देवी मेला में पारंपरिक झोड़ा प्रस्तुत करते स्थानीय कलाकार
अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले अल्मोड़ा में इस वर्ष भी नंदा देवी मेला पूरे धार्मिक और सांस्कृतिक उल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा। 28 अगस्त से 3 सितंबर 2025 तक चलने वाला यह मेला न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि लोक संस्कृति, कला और व्यापारिक गतिविधियों का भी प्रमुख मंच है।
नंदा देवी मेला की शुरुआत लगभग 209 वर्ष पहले हुई थी और तब से यह पर्व हर वर्ष नगरवासियों और श्रद्धालुओं के उत्साह का केंद्र बना हुआ है। इस बार के आयोजन को और भी भव्य बनाने के लिए नगर निगम, व्यापार मंडल, पार्षद, ग्राम प्रधान और स्थानीय जनता ने एकजुट होकर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
प्रशासन और नगर निगम की सक्रिय भूमिका
नंदा देवी मंदिर परिसर में हुई बैठक में आयोजन की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता मनोज वर्मा ने की, जिन्होंने मेला आयोजन को सांस्कृतिक एकता और धार्मिक आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा कि बढ़ती भीड़ और जनसंख्या के कारण मेले का विस्तार आवश्यक हो गया है।
मेयर अजय वर्मा ने यह घोषणा की कि नगर निगम पहली बार मेले में संपूर्ण भागीदारी निभाएगा और इसे नगर के गौरव से जोड़ा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से विशेष सहयोग की बात की जा रही है ताकि इस आयोजन को राज्य स्तरीय पहचान मिल सके।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजेगा मेला परिसर
कार्यक्रम संयोजक तारा जोशी ने बताया कि मेले में पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ जैसे झोड़ा, चांचरी, बाल नृत्य, और गायन आयोजित किए जाएंगे। इस बार हर वार्ड से कम से कम एक सांस्कृतिक टीम को भाग लेने का निमंत्रण दिया गया है। यह आयोजन स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के साथ-साथ लोक संस्कृति के संरक्षण का भी कार्य करेगा।
व्यापार मंडल का सहयोग और आर्थिक पहलू
व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय वर्मा और उपाध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि नंदा देवी मेला सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि व्यापारिक गतिविधियों का भी प्रमुख अवसर है। मेले के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु नगर में आते हैं, जिससे होटल, दुकानें और हस्तशिल्प व्यापार को लाभ मिलता है।व्यापार मंडल ने इस बार भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है और कहा है कि व्यापारी वर्ग इस आयोजन से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।
सुझावों और सुधारों पर विशेष ध्यान
त्रिलोचन जोशी ने सुझाव दिया कि मेला आमंत्रण को एक शोभायात्रा का रूप दिया जाए जिससे नगर में उत्सव का माहौल और अधिक सजीव हो सके।पार्षद अमित साह मोनू ने मांग की कि विसर्जन स्थल पर प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। सभी जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने इस आयोजन को लेकर पूर्ण सहयोग और उत्साह दिखाया।
बैठक में सम्मिलित प्रमुख लोग
इस बैठक में मेयर अजय वर्मा, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, मनोज वर्मा, अजय वर्मा (व्यापार मंडल अध्यक्ष), दीपक जोशी, तारा जोशी, त्रिलोचन जोशी, मनोज सनवाल, पीसी तिवारी, अमित साह मोनू, अर्जुन सिंह बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, विनोद जोशी (ग्राम प्रधान) समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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