
अल्मोड़ा में आईटीबीपी के जवान तिरंगा यात्रा में हाथों में तिरंगा लिए मार्च करते हुए।
आजादी के अमृत महोत्सव में अल्मोड़ा का देशभक्ति संगम
अल्मोड़ा में आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के क्षेत्रीय मुख्यालय और एमडीएस अल्मोड़ा ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। यह आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय जनता में राष्ट्र प्रेम की भावना को प्रोत्साहित करना था।
कैंप परिसर से कोसी बाजार तक तिरंगे की शान
तिरंगा यात्रा की शुरुआत आईटीबीपी कैंप परिसर से हुई और यह कोसी बाजार तक पहुंची। इस यात्रा में आईटीबीपी और एमडीएस के लगभग 150 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। हाथों में लहराते तिरंगे, रंग-बिरंगे बैनर और गूंजते देशभक्ति के नारे पूरे मार्ग को एक देशभक्ति के उत्सव में बदल रहे थे।
बारिश में भी जवानों का अटूट जोश
यात्रा के दिन बारिश भी जवानों के उत्साह को कम नहीं कर पाई। बरसते पानी में भी आईटीबीपी के जवान पूरी शान और अनुशासन के साथ कदमताल करते हुए आगे बढ़ते रहे। यह दृश्य स्थानीय लोगों के लिए प्रेरणादायक और भावनात्मक दोनों था।
स्थानीय नागरिकों की सहभागिता
तिरंगा यात्रा के दौरान मार्ग के किनारे खड़े स्थानीय नागरिकों ने जवानों का उत्साहवर्धन किया। कई लोग तिरंगा हाथ में लेकर इस यात्रा में शामिल हो गए, जिससे यह आयोजन सामूहिक देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
उप महानिरीक्षक रवि कुमार पंडिता का संदेश
आईटीबीपी क्षेत्रीय मुख्यालय अल्मोड़ा के उप महानिरीक्षक रवि कुमार पंडिता ने यात्रा के समापन पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा—
- “भारत 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की 79वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इससे पूर्व देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और यह तिरंगा यात्रा उन्हीं में से एक है।”
- उन्होंने सभी नागरिकों से तिरंगे के सम्मान को बनाए रखने और अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने का आह्वान किया।
- उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से नागरिकों के दिलों में गर्व, समर्पण और देश के प्रति निष्ठा की भावना और गहरी होती है।
प्रतिभागियों की सूची और योगदान
यात्रा में आईटीबीपी के कई वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारी शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- सेनानी सुनील कुमार
- द्वितीय कमान चेतन समयाल
- उप सेनानी जगमोहन रावत
- सहायक सेनानी दीपक सिंह नगन्याल
- जगदीश मासीवाल
- पवन कुमार
- द्वितीय कमान अजय कुमार राजपूत
- निरीक्षक जीडी विनोद कुमार
- राजेंद्र प्रसाद, मो. अफजल खान, सुरेश कुमार, दीवान सिंह कड़ाकोटी, लीलाराम स्वामी आदि
- इन सभी ने न केवल यात्रा में भाग लिया, बल्कि आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया।
तिरंगे का महत्व और संदेश
इस यात्रा के माध्यम से आईटीबीपी ने संदेश दिया कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि भारत की आन, बान और शान है। यह स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों का प्रतीक और आजाद भारत की पहचान है।
आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ा महत्व
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों का उत्सव है, लेकिन इसके अंतर्गत मनाए जाने वाले कार्यक्रम स्वतंत्रता के मूल्यों और उद्देश्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। आईटीबीपी की यह तिरंगा यात्रा इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्थानीय स्तर पर देशभक्ति की लहर पैदा कर रही है।
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